📍 कोलकाता, 16 जून (हि.स.) — पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति विवाद के बीच भूख हड़ताल पर बैठे चार ‘योग्य’ शिक्षक रविवार रात अचानक गंभीर रूप से बीमार हो गए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नौकरी गंवाने वाले इन शिक्षकों ने 12 जून से डब्ल्यूबीएसएससी कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की थी।
🏥 चार शिक्षक अस्पताल में भर्ती
बीमार पड़े शिक्षकों में चिन्मय मंडल, सुकुमार सरन, अचिन्त्य कुमार और विकास रॉय शामिल हैं। इनमें से चिन्मय मंडल को एन.आर.एस. मेडिकल कॉलेज, जबकि अन्य तीन को आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
चिन्मय मंडल, जो आंदोलन का प्रमुख चेहरा हैं, की हालत विशेष रूप से चिंताजनक बताई गई है। डॉक्टरों के मुताबिक, उनके ब्लड शुगर का स्तर अत्यधिक गिर गया है और मूत्र में कीटोन बॉडीज़ पाई गई हैं, जो लंबे उपवास के संकेत हैं।
👨⚕️ धरना स्थल की स्थिति भी खराब
मेडिकल सर्विसेज सेंटर के चिकित्सकों ने धरना स्थल का दौरा कर बताया कि कम से कम पांच आंदोलनकारियों की हालत नाजुक है। पहले तो सभी ने अस्पताल जाने से इनकार कर दिया, लेकिन स्वास्थ्य गिरने पर डॉक्टरों की सलाह माननी पड़ी।
🗣️ “नई परीक्षा नहीं देंगे” — प्रदर्शनकारियों का ऐलान
‘योग्य शिक्षाक-शिक्षिका अधिकार मंच’ के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे मेहबूब मंडल ने स्पष्ट किया कि वे नई भर्ती परीक्षा में हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने कहा, “हमने पूरी प्रक्रिया के तहत परीक्षा पास की है, अब फिर से परीक्षा देना अन्याय है।”
⚖️ पृष्ठभूमि: सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की थीं नियुक्तियां
3 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने, जिसमें तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजय खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार शामिल थे, डब्ल्यूबीएसएससी द्वारा की गई 25,753 शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द कर दी थीं। अदालत ने टिप्पणी की थी कि आयोग यह बताने में विफल रहा कि कौन ‘दागी’ और कौन ‘बेदाग’ है, इसलिए पूरी चयन प्रक्रिया को रद्द किया गया।
अब राज्य सरकार और डब्ल्यूबीएसएससी ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है।