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बलिया में अब लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करेगा ‘देवाश्रम’, नहीं रहेगा कोई शव बेसहारा

बलिया में देवाश्रम करेगा लावारिस शवों का अंतिम संस्कार

बलिया में अब कोई लावारिस शव बिना अंतिम संस्कार के नहीं रहेगा। देव सेवा समिति द्वारा संचालित संस्था ‘देवाश्रम’ ने यह जिम्मेदारी उठाई है। इस अभियान की शुरुआत जिले में हो चुकी है और पहले अज्ञात हिन्दू पुरुष के शव का अंतिम संस्कार अवधूत संत निबहना बाबा मुक्ति धाम, गढ़मलपुर में विधि-विधान से किया गया।

पहली लावारिस शव यात्रा से शुरू हुआ अभियान

देवाश्रम के जिला संरक्षक डॉ. कुंवर अरुण सिंह ने बताया कि सहतवार पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम के बाद एक अज्ञात शव संस्था को सौंपा गया था। शव को बांस के विमान पर सजाकर अंतिम यात्रा निकाली गई। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष संजय मिश्र, और स्वामी अमरजीत साहेब ने सफ़ेद झंडी दिखाकर शव यात्रा को रवाना किया।
“राम नाम सत्य है” और “जय शिव जय शव” के उद्घोष के बीच शव को कंधा देकर मुक्ति धाम तक पहुंचाया गया।

पूरा खर्च मंत्री दयाशंकर सिंह ने उठाया

देवाश्रम के प्रबंध निदेशक पीएन सिंह ने बताया कि इस प्रथम लावारिस शव के अंतिम संस्कार का पूरा खर्च परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने अपने पिता स्व. विंध्याचल सिंह की स्मृति में वहन किया। साथ ही उन्होंने देवाश्रम को एक लाख रुपये का सहयोग भी दिया, जिसे “अंतिम संस्कार निधि” में जोड़ा जाएगा।

देवाश्रम बनाएगा अस्थि कलश संरक्षक केंद्र

संस्था ने निर्णय लिया है कि जिन लावारिस शवों का संस्कार कराया जाएगा, उनके अस्थि कलश देवाश्रम में सुरक्षित रखे जाएंगे, ताकि परिजनों के मिलने पर उन्हें निःशुल्क सौंपा जा सके।
यह पहल न केवल मानवीय संवेदना की मिसाल है, बल्कि समाज में “सेवा ही धर्म है” की भावना को भी जीवंत करती है।

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