उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास पर बेल का पौधा लगाकर बहुप्रतीक्षित “एक पेड़ मां के नाम” अभियान की शुरुआत की। यह अभियान प्रदेश की अरण्य संस्कृति को सहेजते हुए पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने का एक संवेदनशील और जनसरोकार से जुड़ा प्रयास है।
🌳 अभियान की मुख्य बातें
🔸 अभियान की अवधि:
5 जून से 30 जून तक विशेष अभियान, जिसके बाद 1 जुलाई से 7 जुलाई तक वन महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
🔸 रोपण लक्ष्य:
प्रदेशभर में 35 करोड़ पौधे लगाने का महाअभियान 15 अगस्त तक चलेगा।
🔸 मुख्य संदेश:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा –
“यह अभियान पर्यावरण और मां दोनों के प्रति हमारी जिम्मेदारी को दर्शाता है। यह केवल पेड़ लगाने की बात नहीं, बल्कि प्रकृति से भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक है।”
🌿 भावनात्मक जुड़ाव की पहल
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि
“हर व्यक्ति एक पेड़ अपनी मां के नाम पर लगाए। यह उनकी मां के लिए एक अनमोल उपहार होगा और उस पेड़ से भावनात्मक जुड़ाव भी बढ़ेगा।”
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पेड़ लगाना जितना जरूरी है, उसे बचाना और देखभाल करना उससे भी ज्यादा जरूरी है।
🧱 अभियान की अन्य गतिविधियां
📍 अयोध्या दौरे पर मुख्यमंत्री ने पुष्प वाटिका में त्रिवेणी पौधों (पीपल, बरगद, नीम) का रोपण किया।
📍 डिप्टी सीएम ने मोहनलालगंज के डेवरिया भरोसवा गांव में हरिशंकरी पौध का रोपण किया और ग्रामीणों से पेड़ लगाने की अपील की।
📍 भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने प्रदेश भाजपा मुख्यालय में वृक्षारोपण कर अभियान की शुरुआत की। 5 जून से 5 अगस्त तक हर अभियान के बाद वृक्षारोपण की योजना है।
🌱 निष्कर्ष
‘एक पेड़ मां के नाम’ एक भावनात्मक और पर्यावरणीय जुड़ाव को साथ लाने वाला अभियान है जो उत्तर प्रदेश को हरित राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण जनांदोलन का रूप ले रहा है। यह अभियान सिर्फ पेड़ लगाने तक सीमित नहीं है, बल्कि संवेदना, संरक्षण और समर्पण की प्रेरणा भी देता है।