Tue, Jul 1, 2025
26.7 C
Gurgaon

फर्जी पासपोर्ट घोटाले मे सबको मिलता था हिस्सा, भ्रष्टाचार का जाल फैला शीर्ष से आधार तक

कोलकाता, 08 जनवरी (हि. स.) । फर्जी पासपोर्ट घोटाले ने एक बार फिर से प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच में खुलासा हुआ है कि इस अवैध कारोबार की जड़ें शीर्ष से लेकर निचले स्तर तक फैली हुई हैं। अवैध दस्तावेज़ तैयार करने का यह “चेन बिजनेस” न सिर्फ एक संगठित रैकेट का हिस्सा है, बल्कि इसमें हर स्तर पर भ्रष्टाचार का खेल जारी है।

नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि एक फर्जी पासपोर्ट तैयार करने में बांग्लादेशी घुसपैठिए को ढाई से तीन लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं। इस रकम में से रैकेट के मुख्य सरगना मनोज गुप्ता और समरेश विश्वास अपने गिरोह के अन्य सदस्यों को 50-60 हजार रुपये बांटते हैं, जबकि बाकी दो लाख रुपये का बंटवारा अपने बीच करते हैं।

पासपोर्ट सेवा केंद्र के अस्थायी कर्मचारी तारकनाथ सेन को प्रति पासपोर्ट पांच छह हजार रुपये मिलते थे।

पोस्ट ऑफिस के अस्थायी कर्मचारी दीपक मंडल को हर पासपोर्ट के बदले तीन हजार रुपये मिलते थे।

बांग्लादेशी नागरिकों को रैकेट के पास लाने वाले मुख्तार आलम को दो हजार 500 से चार‌ हजार रुपये दिए जाते थे।

दस्तावेज़ तैयार करने में मदद करने वाले आधार कार्ड कर्मचारियों को सात से 10 हजार रुपये मिलते थे।

——

संगठित तरीके से चल रहा गिरोह

मनोज गुप्ता की ट्रैवल एजेंसी के कर्मचारी दीपंकर दास को 25 हजार रुपये मासिक वेतन मिलता था, जिसमें फर्जी दस्तावेज़ तैयार करने का हिस्सा भी शामिल था। इसके अलावा, पूर्व पुलिसकर्मी अब्दुल हई को वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए 25 हजार रुपये दिए जाते थे।

——-

भ्रष्टाचार के जाल की गंभीरता

जांच में पता चला है कि इस रैकेट में शामिल एजेंटों और सब-एजेंटों को भी हजार से दो हजार रुपये तक का हिस्सा दिया जाता था। इतना ही नहीं, वीजा की व्यवस्था करने वाले एजेंटों को भी सात से 10 हजार रुपये तक दिए जाते थे।

Hot this week

Ratan Tata ने अपनी वसीयत में पेटडॉग का भी रखा ध्यान, जानिए अब कौन करेगा Tito की देखभाल

 हाल ही में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने...

गंगा नदी के हालात का आकलन करने के लिए पर्यावरणविदों का विशेष अभियान

कोलकाता, 25 जनवरी (हि.स.)कोलकाता की एक पर्यावरण संस्था ‘मॉर्निंग...
spot_img

Related Articles

Popular Categories