जयपुर, 25 फ़रवरी (हि.स.)। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष की बजट घोषणा के तहत प्रदेश की पांच हजार उचित मूल्य की दुकानों को अन्नपूर्णा भंडार के रूप में विकसित किया जाएगा। जिससे उस क्षेत्र विशेष के व्यक्तियों के लाभान्वित होने के साथ ही अन्नपूर्णा भंडार के संचालक की आय में भी वृद्धि हो सकेगी।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि राशन वितरण प्रक्रिया में अनियमितताओं को रोकने के लिए विभाग द्वारा समय-समय उचित मूल्य की दुकानों की जांच की जाती है एवं किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर सम्बंधित के विरुद्ध नियमानुसार निलंबन एवं निरस्तीकरण की कार्यवाही की जाती है।
विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा स्मार्ट पीडीएस योजना अप्रैल 2023 से प्रारम्भ की गई जो मार्च, 2026 तक लागू रहेगी। उन्होंने बताया कि इसके तहत राशन कार्ड मैनेजमेंट, सप्लाई चैन ऑपरेशन, एफपीएस ऑटोमेशन, पोर्टेबिलिटी डाटा प्रमाणीकरण, डाटा विश्लेषण, राशनकार्डों के डी-डुप्लीकेशन व प्रमाणीकरण से संबंधित कार्य किये जा रहे हैं।
उन्होंने जानकारी दी कि वर्तमान में 25 हजार 527 उचित मूल्य दुकानदारों का डिजिटलीकरण किया जा चुका है। जहां पर ई-पोस मशीन, आईरिश मशीन एवं इलेक्ट्रोनिक तुलन यंत्र से संयोजित किया जा चुका है। योजना के माध्यम से प्रदेश के 1,06,34,518 राशन कार्ड धारी, चार कराेड़ 39 लाख आठ हजार 363 यूनिट को बायोमेट्रिक सत्यापन के बाद पारदर्शी रूप से प्रतिमाह समयबद्ध तरीके से राशन वितरण किया जा रहा है। संबंधित लाभार्थी को बायोमेट्रिक सत्यापन के बाद राशन सामग्री वितरण होने से अनियमितता की संभावना नगण्य है।
गोदारा ने बताया कि इस योजना के तहत प्रदेश के सभी 41 जिलों की उचित मूल्य की 25,527 दुकानों को शामिल किया गया है। जिनमें से शेष 4 दुकानों -बीलखेडाडांग (जिला बारां) की दाे, मोठडी (जिला बाड़मेर) की एक, छींड (कोटपुतली-बहरोड) की एक में नेटवर्क समस्या के कारण उपभोक्ताओं को बायोमेट्रिक सत्यापन के बिना ऑफ-लाइन वितरण किया जा रहा है।