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निर्माणाधीन हरिद्वार मेडिकल कॉलेज पीपीपी मोड पर संचालित करने पर छात्र आक्रोशित

-कालेज गेट पर की तालाबंदी, विपक्ष भी हुआ हमलावर

हरिद्वार, 8 जनवरी (हि.स.)। स्थानीय निकायों के चुनावों के चलते सत्ताधारी दल ने ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने की अपील करते हुए हरिद्वार के विकास और गरीबों की मदद की जो गुहार लगाई थी उसकी हवा सरकार ने निर्माणाधीन हरिद्वार मेडिकल कॉलेज को निजी हाथों में सौंपकर निकाल दी हैं। हरिद्वार मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड पर देने पर जहां विपक्ष हमलावर है वहीं छात्रों ने भी कालेज गेट पर तालाबंदी प्रदर्शन करते हुए इसे छात्रों के साथ धोखा बताया।

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड शासन के सचिव डा. आर राजेश कुमार ने चिकित्सा निदेशालय उत्तराखंड देहरादून के निदेशक को पत्र लिखकर राजकीय मेडीकल हरिद्वार को पीपीपी मोड में संचालित करने के लिए ई निविदा के द्वारा शारदा एजुकेशनल ट्रस्ट को सौंपने की अनुमति दे दी है। जिसके बाद से विपक्ष हमलावर हो गया है। वहीं छात्र भी आक्रोशित हैं। आज छात्रों ने कालेज गेट पर तालाबंदी कर प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि कालेज को पीपीपी मोड पर देना छात्रों के साथ धोखा है।

इस पत्र के बाद तमाम विपक्ष हमलावर हो गया है। कांग्रेसी नेता व वरिष्ठ अधिववक्ता सुभाष त्यागी ने कहा कि पहले से ही राष्ट्रीय स्तर पर पब्लिक सेक्टरों को निजी हाथाें मे देकर सरकार गरीबों का गला घोंट रही है। अब हरिद्वार में निमार्णाधीन राजकीय मेडिकल कालेज को निजी हाथों में सौंपकर प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड के युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया है।

पूर्व राज्यमंत्री उत्तराखंड डा. संजय पालीवाल ने कहा कि इस कालेज के निमार्ण के लिए पूर्व कांग्रेस की महापौर अनीता शर्मा ने 500 बीघा नगर निगम की जमीन हरिद्वार व उत्तराखंड के युवाओं के भविष्य व गरीबों के समुचित ईलाज के लिए मेडिकल कॉलेज के लिए नि:शुल्क दी थी। अब सरकार ने शारदा एजुकेशनल ट्रस्ट को अरबों रुपये की जमीन पर बने इस मेडीकल कालेज को निजी हाथों मे सौंप कर जो पर्दे के पीछे खेल खेला हैं, वह किसी से छिपा नहीं है। डॉक्टर पालीवाल ने कहा कि इस निजीकरण के खेल की चर्चा प्रदेश के सत्ता के गलियारों से भी गूंज रही हैं।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरविन्द शर्मा एडवोकेट ने इस मामले में उच्च न्यायलय नैनीताल जाने पर विचार करने और हाईकोर्ट नैनीताल के वरिष्ठतम अधिवक्ता विवेक शुक्ला से लगातार सम्पर्क की जानकारी देते हुए कहा कि बीस साल बेमिसाल का यह एक काला अध्याय हैं। हरिद्वार की जनता इस पर चुप नहीं बैठेगी।

पूर्व महापौर अनीता शर्मा ने भी हरिद्वार मेडीकल कालेज के निजीकरण को शर्मनाक बताते हुए कहा कि इस अरबों रुपये की जमीन को उनके कार्यकाल में हरिद्वार के युवाओं व जनता के भविष्य के लिए दिया था परन्तु सत्ता लोलुप लोगों ने इस पर मोटा खेल खेला है।

पूर्व पालिकाध्यक्ष प्रदीप चौधरी, पूर्व विधायक रामयश सिंह ने भी इस निजीकरण का कड़ा विरोध करते हुए प्रदेश सरकार की कथनी और करनी पर तीखे प्रहार किये है।

आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष इंजीनियर संजय सैनी ने इस मेडिकल कॉलेज के निजीकरण के विरुद्ध न्यायालय का दरवाजा खटखटानें की घोषणा की हैं।

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