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भारत-नेपाल सीमा पर नया विवाद: मैत्री पुल पर SSB पोस्ट निर्माण से तनाव, नेपाल ने जताया कड़ा विरोध

⚠️ सीमा पर फिर से तनाव: कैसे शुरू हुआ विवाद?

  • पूर्वी चंपारण के भारत-नेपाल मैत्री पुल पर SSB 47वीं बटालियन ने रविवार देर शाम एक नए पोस्ट का निर्माण शुरू कर दिया। यह स्थान भारत के लैंड कस्टम क्षेत्र में आता है।
  • जैसे ही यह निर्माण शुरू हुआ, कस्टम विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर इसे अवैध बताया और रोकने की कोशिश की।

👮‍♂️ कस्टम का आरोप: बिना अनुमति निर्माण अवैध

कस्टम अधिकारियों का कहना है:

  • लैंड कस्टम एरिया में किसी एजेंसी को बिना अनुमति निर्माण करने का अधिकार नहीं है।
  • SSB की स्थायी तैनाती भी नियमों का उल्लंघन है।
  • उन्होंने इस मुद्दे की सूचना हरैया थाना को दी और एफआईआर के लिए आवेदन भी किया है।

🔥 स्थिति और बिगड़ी जब नेपाल के अधिकारी पहुंचे

घटना और ज्यादा संवेदनशील तब बन गई जब नेपाल सशस्त्र प्रहरी (APF) के डीएसपी लोकेंद्र बहादुर सुब्बा मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा:

“भारत द्वारा नो-मेंस लैंड में हो रहा निर्माण भारत-नेपाल मैत्री संबंधों का उल्लंघन है।”

उनके बयान से साफ है कि नेपाल इस कदम से नाखुश है और इसे द्विपक्षीय समझौतों के खिलाफ मान रहा है।

🧾 पहले भी हटाया गया था यह पोस्ट

  • 10 मार्च 2024 को गृह मंत्रालय के निर्देश पर तत्कालीन SSB IG पंकज दरार ने इस स्थान पर बने अस्थायी पोस्ट को हटवा दिया था।
  • तब सिर्फ दो महिला कांस्टेबल की हेल्प डेस्क तैनात की गई थी।
  • अब फिर उसी स्थान पर निर्माण शुरू होने से मामला फिर गर्मा गया है।

🔄 दोनों देशों के अफसर आमने-सामने

  • SSB असिस्टेंट कमांडेंट दिव्यांशु चौहान का बयान:
    “भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा को देखते हुए 15 किमी दायरे में यह निर्माण जरूरी है।”
  • कस्टम कमिश्नर मोहन कुमार मीणा का बयान:
    “निर्माण अवैध है, डीएम और एसपी को रिपोर्ट दी गई है, कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

🤔 अब आगे क्या?

✍️ मामले का समाधान कैसे होगा?

  • सीमा क्षेत्र में बातचीत से हल निकलने की उम्मीद
  • गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की ओर से भी प्रतिक्रिया संभव
  • स्थानीय प्रशासन और न्यायिक प्रक्रिया के जरिए समाधान की ओर बढ़ा जा सकता है

📚 जानें: भारत-नेपाल संबंधों में सीमा विवाद क्यों उठते हैं?

भारत-नेपाल सीमा पर समय-समय पर:

  • नक्शा विवाद
  • सीमा चिन्हों की स्थिति
  • अवैध निर्माण
  • नागरिकों की आवाजाही पर टकराव

जैसे मुद्दे सामने आते रहते हैं। यह मामला एक बार फिर इन संवेदनशील मसलों की ओर ध्यान खींचता है।

🛡️ निष्कर्ष: क्या यह सिर्फ एक सुरक्षा कदम है या कूटनीतिक चूक?

SSB द्वारा किया गया यह निर्माण सुरक्षा की दृष्टि से उचित बताया जा रहा है।
लेकिन बिना कस्टम विभाग की अनुमति और नेपाल की आपत्ति को दरकिनार करना भविष्य में दोनों देशों के संबंधों को प्रभावित कर सकता है।

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