नई दिल्ली, 17 जून:
क्या वाकई श्रम मंत्रालय की योजनाओं से देश के असंगठित मजदूरों की किस्मत बदली है? बीड़ी, सिनेमा और खदान क्षेत्रों से जुड़े 50 लाख से अधिक श्रमिकों को केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से सीधी राहत मिली है। यह दावा श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी आधिकारिक बयान में किया गया।
राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (NSP) के माध्यम से लागू की गई शिक्षा सहायता योजना के तहत हर साल 1 लाख से ज्यादा आवेदन आते हैं, जिनमें ₹1,000 से ₹25,000 तक की छात्रवृत्ति डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के ज़रिए दी जाती है। यह न केवल श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा में सहारा बन रही है, बल्कि पारदर्शिता और समयबद्धता भी सुनिश्चित कर रही है।
स्वास्थ्य के मोर्चे पर, मंत्रालय टीबी, कैंसर, हार्ट डिजीज जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए ₹30,000 से ₹7.5 लाख तक की सहायता राशि दे रहा है। इससे कम आय वाले परिवारों को जीवनरक्षक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हो रही हैं।
क्या यह योजनाएं वास्तव में बदल रही हैं मजदूरों की ज़िंदगी? या ये सिर्फ आंकड़ों की बाज़ीगरी है? जमीनी हकीकत जानने के लिए हमें मिलकर इस पर चर्चा करनी चाहिए।