Thu, May 22, 2025
25 C
Gurgaon

महाकुंभ में आने के पूर्व आप जानें, आने के अधिकारी हैं या नहीं

महाकुंभनगर, 31 दिसम्बर(हि.स.)। प्रयाग को तीर्थराज प्रयाग कहा गया है। आखिर ‘तीर्थ’ है क्या? इसे श्रद्धालुओं एवं तीर्थयात्रियों को जानना आवश्यक है। महाकुंभ में आने के पूर्व यह हम सबको जानना आवश्यक है कि आप तीर्थराज प्रयाग में आने के अधिकारी हैं या नहीं।

‘तीर्थ’ शब्द के उच्चारण मात्र से ही हृदय में यह श्रद्धा का भाव उमड़ता है कि हम किसी पवित्र पुण्यमय देवोपम क्षेत्र में विद्यमान हैं। वस्तुत: तीर्थ वह सात्विक क्षेत्र है, जहां राजस एवं तामस विचार, जो पाप कर्म के हेतु हैं, वहां नहीं रहते। इसीलिए ‘तीर्थ’ शब्द की व्युत्पत्ति में कहा गया है ‘जिस स्थल विशेष में सम्पूर्ण पापों की निवृत्ति हो जाय, वह स्थान ‘तीर्थ’ है।

यह बातें काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के व्याकरण विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.भागवत शरण शुक्ल ने हिन्दुस्थान समाचार से एक विशेष वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि अर्थर्ववेद भी यही अर्थ प्रतिपादित करता है कि जो पुण्यशील ऐश्वर्य युक्त यज्ञ कर्म करने वाले ऋषिवदाचरण वाले विशिष्ट जन हैं, वे ही तीर्थ से तरते हैं अर्थात मोक्ष आदि को प्राप्त करते हैं।

उन्होंने कहा कि तीर्थ शब्द का प्रयोग किसी विशेष जलाशय से युक्त प्रदेश, जिसका सेवन पुण्यजन करते हैं, ऋषि सदृश सात्विक जन करते हैं, के लिए होता है। ‘पवित्रमृषिभिर्जुष्टं पुण्यं पावनमुत्तमम्'(महाभारत वन पर्व 88-18)

उन्होंने बताया कि ‘तीर्थ’ में जाने का भी वही अधिकारी है जो क्रोध न करता हो, जिसकी निर्मल बुद्धि हो, सत्यवादी एवं दृढ़व्रतवाला हो, अपने आत्मा के समान सभी प्राणियों में समदृष्टि रखने वाला हो। ऐसे ही व्यक्ति के ‘तीर्थ’ में जाने से तीर्थ का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

उन्होंने कहा कि इस धरातल में ऐसे अनेक सात्विक स्थल हैं, जिन्हें ‘तीर्थ’ कहा जाता है और उन सभी तीर्थो के जो शिरोमणि राजा हैं उन्हें तीर्थराज प्रयाग कहा जाता है। उन्होंने बताया कि प्रयाग तीर्थ के नामकरण के विषय में ‘स्कन्दपुराण’ में कहा गया है कि जिस स्थल में प्रजापति ब्रह्मा ने सर्वप्रथम प्रकृष्ट ‘याग’ किया था उसी स्थल का नाम ब्रह्मा, विष्णु तथा शिव ने ‘प्रयाग’ कहा।

Hot this week

Ratan Tata ने अपनी वसीयत में पेटडॉग का भी रखा ध्यान, जानिए अब कौन करेगा Tito की देखभाल

 हाल ही में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने...

गंगा नदी के हालात का आकलन करने के लिए पर्यावरणविदों का विशेष अभियान

कोलकाता, 25 जनवरी (हि.स.)कोलकाता की एक पर्यावरण संस्था ‘मॉर्निंग...
spot_img

Related Articles

Popular Categories