बलरामपुर, 16 अप्रैल (हि.स.)। मंगलवार देर शाम जमकर हुई बारिश से रामानुजगंज-अंबिकापुर एनएच 343 के बड़े-बड़े गढ्ढों में पानी भर गया कई स्थानों पर डबरी सदृश्य नजारा देखने को मिला। बारिश के कारण उड़ती धूल से राहत तो मिली लेकिन सड़क सुधार नहीं होने पर बारिश के दिनों में आवागमन बाधित होने की आशंका है।
राष्ट्रीय राजमार्ग के नवनिर्माण के लिए ठेका कंपनियों से अनुबंध हो गया है लेकिन नई सड़क बनने में समय लगेगा ।ऐसे में सड़क मरम्मत नहीं हुआ तो बारिश के सीजन में आवागमन बाधित हो सकता है। अंबिकापुर-रामानुजंगज राष्ट्रीय राजमार्ग 110 किलोमीटर लंबी सड़क के नवनिर्माण के लिए लगभग पांच सौ करोड़ रुपये की स्वीकृति दो वर्ष पहले ही दे दी गई थी लेकिन फारेस्ट क्लियरेंस नहीं होने के कारण काम शुरू ही नहीं हो सका। नई सड़क की उम्मीद में वर्तमान सड़क की हालत और खराब होती चली गई।
आज संभाग की सर्वाधिक खराब सड़क में राष्ट्रीय राजमार्ग अंबिकापुर-रामानुजंगज की गिनती हो रही है। अंबिकापुर से लेकर रामानुजंगज तक बमुश्किल सड़क कहीं-कहीं पर ठीक नजर आ रही है अन्यथा संपूर्ण सड़क ही गड्ढे में तब्दील हो चुकी है। जर्जर सड़क के कारण यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वाहनों में टूट-फूट बढ़ गई है। गंतव्य तक पहुंचने अतिरिक्त समय भी लग रहा है। सूखे मौसम में धूल से लोग बेहाल रहते हैं। वहीं बारिश में सड़क पर डबरी जैसा नजारा दिखने लगता है।
मरम्मत नहीं हुआ तो बारिश में बाधित हो सकता है आवागमन
छत्तीसगढ़ से झारखंड को जोड़ने वाली अंबिकापुर – रामानुजगंज राष्ट्रीय राजमार्ग के नवनिर्माण से पहले इसका मरम्मत कराया जाएगा ताकि सड़क चलने लायक बनी रहे। वर्तमान में सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए है। नवनिर्माण में लंबा समय लगेगा। यदि सड़क पर मरम्मत कार्य नहीं हुआ तो बारिश में आवागमन बाधित हो सकता है। यही कारण है कि जिला प्रशासन ने सड़क मरम्मत कराने पहल की है। पिछले दिनों राष्ट्रीय राजमार्ग के रीजनल आफिसर अभिजीत कुमार बलरामपुर जिले के दौरे पर थे। सड़क की स्थिति को देखकर उन्होंने आश्वस्त किया है कि जिस ठेका कंपनी को सड़क बनाना है, उसी के माध्यम से सड़क मरम्मत का कार्य कराया जाएगा ताकि आवागमन बाधित न हो। इसके लिए अलग से राशि का प्रविधान किया जा रहा है।
ठेका कंपनियों को जल्द ही सड़क सौंपने की तैयारी
सड़क नवनिर्माण के लिए पेड़ों की कटाई अब अंतिम चरण में है। जिले के राजपुर, बलरामपुर और रामानुजगंज वन परिक्षेत्र में पेड़ों की कटाई चल रही है। 20 अप्रैल तक सभी पेड़ों की कटाई पूर्ण कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग में बलरामपुर जिले की सीमा से लेकर रामानुजंगज तक जगह- जगह पेड़ काटे गए है। कई स्थानों पर काटे गए पेड़ के हिस्सों को असुरक्षित तरीके से छोड़ दिया गया है। वन भूमि पर खड़े पेड़ो की कटाई के लिए जल्दी ही अनुमति मिल जाने की संभावना है। अंबिकापुर से रामानुजगंज एनएच 343 के लिए निविदा और अनुबंध हो चुका है।
जिले के कलेक्टर राजेंद्र कटारा ने आज बुधवार को बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग के रीजनल आफिसर से चर्चा हुई है। सड़क नवनिर्माण के लिए जिन कंपनियों से अनुबंध हुआ है, उन्हीं के माध्यम से सड़क मरम्मत के लिए अलग से राशि का प्रविधान किए जाने की जानकारी दी गई है। यह प्रक्रिया के तहत हो रहा है ताकि सड़क पर आवागमन सुचारू रूप से चलता रहे। एकाध सप्ताह में सड़क मरम्मत का कार्य आरंभ कर देने का आश्वासन मिला है।