पौड़ी गढ़वाल, 17 जून: क्या योग ही है गांवों की नई जीवनरेखा? 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर थलीसैंण ब्लॉक, आयुष्मान आरोग्य केंद्र ढौंड और राहु मंदिर पैठाणी परिसर में ग्रामीणों के लिए योग आधारित विशेष कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। इस वर्ष की थीम रही ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’, जिसका उद्देश्य लोगों को प्राकृतिक चिकित्सा और योग के ज़रिए स्वस्थ जीवन अपनाने के लिए प्रेरित करना है।
आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी शैलेन्द्र पांडेय ने बताया कि “गांवों में लोगों को योग के ज़रिए जीवन में संतुलन लाने और रोगों से मुक्त रहने का संदेश दिया गया है।” कार्यक्रमों में ताड़ासन, वृक्षासन, भुजंगासन, त्रिकोणासन, प्राणायाम, और अनुलोम-विलोम का अभ्यास करवाया गया।
योग प्रशिक्षक मधुकर ढौंडियाल और सत्येंद्र नेगी ने प्रतिभागियों को दैनिक जीवन में योग को अपनाने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप भट्ट, फार्मासिस्ट रितेश नौटियाल, और जिला कार्यक्रम प्रबंधक आशीष राणा भी मौजूद रहे।
कार्यक्रम में ग्रामीणों की बढ़ती भागीदारी ने संकेत दिया कि अब गांव भी स्वास्थ्य और योग के नए युग की ओर बढ़ रहे हैं।