Mon, Apr 28, 2025
32 C
Gurgaon

आरजी कर मामला : मनोवैज्ञानिक के बयान से सीबीआई को मिल सकते हैं अहम सुराग

कोलकाता, 26 मार्च (हि. स.)। आर. जी. कर अस्पताल में पिछले साल हुई महिला डॉक्टर की दुष्कर्म और हत्या के मामले में अब एक प्रमुख मनोवैज्ञानिक का बयान सीबीआई जांच के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। यह मनोवैज्ञानिक वही हैं, जिनसे पीड़िता ने त्रासदी से कुछ महीने पहले काउंसलिंग कराई थी।

मनोवैज्ञानिक ने स्वेच्छा से पीड़िता के परिवार और करीबी सहयोगियों से संपर्क किया और बताया कि काउंसलिंग के दौरान पीड़िता ने कई अहम बातें साझा की थीं। उनके अनुसार, पीड़िता ने मानसिक थकान और लगातार ड्यूटी के कारण नींद पूरी न होने की शिकायत की थी। उसने यह भी कहा था कि उसे “लगातार और लंबी ड्यूटी” जानबूझकर दी जा रही थी, क्योंकि उसने अपने कुछ वरिष्ठों की अव्यवस्थाओं और अनियमितताओं के खिलाफ आवाज उठाई थी।

मनोवैज्ञानिक ने पीड़िता के माता-पिता को आश्वासन दिया है कि अगर उन्हें अदालत में पेश होने का अवसर मिलता है, तो वे काउंसलिंग के दौरान सामने आई बातों को न्यायालय के सामने रखेंगे।

सूत्रों के अनुसार, यदि सीबीआई इस मनोवैज्ञानिक का बयान दर्ज करती है, तो यह जांच की अगली दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकता है। खासतौर पर यह जांच के शुरुआती चरण में सबूतों से छेड़छाड़ और उनके साथ हुई किसी भी संभावित गड़बड़ी के पहलू को उजागर करने में मदद करेगा।

इधर, कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस तीर्थंकर घोष की एकल पीठ में इस मामले की सुनवाई फिर से शुरू हो गई है। अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि वह यह स्पष्ट करे कि यह मामला “बलात्कार” का है या “गैंगरेप” का। अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी, जिसमें सीबीआई को मामले की केस डायरी अदालत के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया गया है।

हाईकोर्ट की इस टिप्पणी के बाद राज्य के चिकित्सा समुदाय के विभिन्न संगठनों ने इस मामले को लेकर एक बार फिर से आंदोलन छेड़ने की तैयारी शुरू कर दी है।

Hot this week

गंगा नदी के हालात का आकलन करने के लिए पर्यावरणविदों का विशेष अभियान

कोलकाता, 25 जनवरी (हि.स.)कोलकाता की एक पर्यावरण संस्था ‘मॉर्निंग...

Ratan Tata ने अपनी वसीयत में पेटडॉग का भी रखा ध्यान, जानिए अब कौन करेगा Tito की देखभाल

 हाल ही में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने...
spot_img

Related Articles

Popular Categories