दिल्ली हाई कोर्ट ने गौतम गंभीर के खिलाफ दर्ज एफआईआर को बुधवार को पूरी तरह खारिज कर दिया।
यह मामला कोरोना की दूसरी लहर में दवाइयों और ऑक्सीजन के कथित अवैध भंडारण से जुड़ा था।
जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने विस्तृत सुनवाई के बाद एफआईआर निरस्त करने का आदेश सुनाया।
यह मामला पहले रोहिणी कोर्ट में चल रहा था, जहां ड्रग कंट्रोलर ने अभियोजन शुरू किया था।
आरोप गौतम गंभीर, उनकी फाउंडेशन, सीईओ अपराजिता सिंह और अन्य सदस्यों के खिलाफ थे।
ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 18(सी) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
आरोप था कि फाउंडेशन ने मेडिकल कैंप के लिए कोरोना दवाओं का अनधिकृत भंडारण किया।
दिल्ली सरकार के ड्रग कंट्रोलर ने जुलाई 2021 में यह कार्रवाई शुरू की थी।
इसी तरह के आरोप आम आदमी पार्टी नेताओं प्रवीण कुमार और इमरान हुसैन पर भी लगे थे।
उनके खिलाफ दवाइयों और ऑक्सीजन की कथित जमाखोरी की जांच के बाद अभियोजन हुआ था।
इमरान हुसैन पर हरियाणा ड्रग कंट्रोल विभाग से अवैध रूप से ऑक्सीजन लेने का आरोप था।
कोर्ट में गंभीर पक्ष ने कहा कि दवाइयाँ जरूरतमंदों को मुफ्त वितरित करने हेतु जुटाई गई थीं।
सुनवाई के बाद कोर्ट ने एफआईआर को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त आधार न पाते हुए इसे रद्द किया।
फैसले के बाद पूरा मामला कानूनी रूप से समाप्त हो गया और सभी आरोपितों को राहत मिली।



