राज्यपाल ने कहा कि मानव को बुद्धि और वाणी का दुर्लभ वरदान मिला है।
इन क्षमताओं का सकारात्मक उपयोग व्यक्ति को निरंतर बेहतर बनाता है।
उन्होंने बताया कि वास्तविक ज्ञान अक्सर वंचित और गरीब लोगों से मिलता है।
पटेल ने कहा कि सिविल सेवक सरकार और जनता के बीच महत्वपूर्ण सेतु होते हैं।
सुशासन के लिए अधिकारियों में विवेक, न्याय और संवेदनशीलता का होना आवश्यक है।
उन्होंने योजनाओं के क्रियान्वयन में जमीनी समझ की कमी से पैदा समस्याओं की चर्चा की।
नल-जल और आवास योजनाओं के उदाहरण देकर उन्होंने जमीनी हकीकत की जरूरत समझाई।
राज्यपाल ने कहा कि प्रशासनिक सफलता कार्यालय में नहीं, क्षेत्र में उतरकर मिलती है।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का कथन दोहराया कि योजनाओं को धरातल पर जाकर समझना चाहिए।





