बिलासपुर, 27 जनवरी (हि.स.)। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने साेमवार काे सरकारी स्कूलों में शौचालय नहीं होने और मौजूद शौचालय को इस्तेमाल लायक नहीं होने को लेकर मीडिया रिपोर्ट को स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई के दौरान नाराजगी जताई है। कोर्ट ने राज सरकार के अधिवक्ता को इस मामले में कहा यह कितनी गलत बात है? कैसे यह हो रहा है? इतने ग्रांट मिलने के बावजूद भी ऐसा हो रहा है? वहीं इस मामले की गंभीरता को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी को नोटिस देकर व्यक्ति गत हलफनामा पेश करने कहा है।
दरअसल छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने बिलासपुर के एक अखबार में 26 जनवरी 2025 को प्रकाशित खबर को संज्ञान लिया है जिसमें कहा गया था कि 76 वाँ गणतंत्र दिवस मना रहे हैं, पर तस्वीर बदलना चाहिए। इस मीडिया रिपोर्ट में इस बात को भी बताया गया कि 150 स्कूलों में टॉयलेट नहीं है और 216 से ज्यादा बेहद खराब हैं। वहीं यूरिनल इन्फेक्शन की जानकारी भी प्रकाशित की गई। इस मामले को स्वतः संज्ञान लेकर हाइकोर्ट ने जनहित याचिका के रूप में प्राथमिकता में दर्ज किया है। सोमवार को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल की बैंच में सुनवाई हुई। जिसमें मुख्य न्यायाधीश ने इस मीडिया रिपोर्ट को लेकर राज्य सरकार पर नाराजगी जताई और शासन का पक्ष रखने वाले महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत को कहा ये देखिए कितनी गलत बात है..? वह इस पूरे मामले में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव को व्यक्तिगत हलफनामा पेश करने का आदेश दिए हैं। वहीं अगली सुनवाई 10 फरवरी 2025 को निर्धारित भी की है।