📍 नैनीताल, 12 जून (हि.स.) — नैनी झील में एक 13 वर्षीय बालिका के डूबने की खबर से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। राहत-बचाव दलों ने करीब 5 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बालिका का शव झील से बाहर निकाला।
⚖️ क्या है मामला?
अंजली आर्य, जो अयारपाटा क्षेत्र में रहने वाले कुमाऊं विश्वविद्यालय कर्मचारी संजीत आर्य की पुत्री थी, गुरुवार सुबह घर से बिना बताये निकल गई थी। बताया गया कि मां की हल्की फटकार के बाद वह घर छोड़कर चली गई। परिजन जब उसकी तलाश कर रहे थे तो झील किनारे उसकी चप्पलें मिलीं, जिससे डूबने की आशंका हुई।
⚠️ 5 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन
सूचना मिलते ही अग्निशमन सेवा, एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और नाविकों की मदद से सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ। झील में कांटे डालकर सघन तलाशी ली गई और शाम करीब 7 बजे पाषाण देवी मंदिर के पास से उसका शव बरामद हुआ।
📜 घटनास्थल पर मौजूद टीमें
– अग्निशमन अधिकारी अर्जुन सिंह
– चालक उमेश कुमार
– कर्मी राजेंद्र सिंह, विवेक थापा, नीरज कुमार
– कोतवाली प्रभारी हेम चंद्र पंत
– स्थानीय पुलिस और एसडीआरएफ जवान
🧾 परिवार और समाज में शोक
अंजली की असमय मौत से पूरा परिवार सदमे में है। यह घटना समाज के लिए भी सोचने का विषय है—क्या बच्चों को अब मामूली डांट-फटकार भी असहनीय लगने लगी है?
📌 महत्वपूर्ण तथ्य
– बालिका 4 भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर थी
– शव झील से 5 घंटे बाद बरामद हुआ
– कारणों की सामाजिक पड़ताल भी जरूरी