सियोल, 20 जनवरी (हि.स.)। दक्षिण कोरिया के भ्रष्टाचार जांच कार्यालय (सीआईओ) ने पूछताछ में लगातार असहयोग कर रहे औपचारिक रूप से गिरफ्तार किए जा चुके राष्ट्रपति यून सुक येओल के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का संकेत दिया है। सीआईओ ने सोमवार को कहा कि वह येओल को बलपूर्वक ले लाने जाने पर दृढ़ता से विचार कर रहा है।
द कोरिया टाइम्स के अनुसार, येओल को बुधवार से सियोल डिटेंशन सेंटर में रखा गया है। सीआईओ ने रविवार को औपचारिक गिरफ्तारी के बाद उनसे सोमवार सुबह 10 बजे पूछताछ के लिए कार्यालय में उपस्थित होने का आग्रह किया। येओल ने सीआईओ के आग्रह को अस्वीकार कर दिया।
सीआईओ के एक अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, “इस स्थिति में कह सकता हूं कि येओल को बलपूर्वक कार्यालय ले जाने पर विचार किया जा रहा है। अगर येओल डिटेंशन सेंटर में पूछताछ के लिए तैयार हो जाते हैं तो यह उनके लिए अच्छा होगा।” इस अधिकारी ने कहा कि येओल को फिलहाल 28 जनवरी तक हिरासत में रखा जाएगा। उल्लेखनीय है कि महाभियोग का सामना कर रहे राष्ट्रपति पर विद्रोह का नेतृत्व करने और तीन दिसंबर को कुछ समय के लिए मार्शल लॉ लगाकर अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने का आरोप है। अदालत से रविवार तड़के उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार करने का वारंट जारी किया गया। इसकी भनक लगते ही येओल के समर्थकों ने अदालत पर धावा बोल दिया।
द कोरिया हेराल्ड की खबर के अनुसार, इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रखा दिया है। प्रदर्शनकारियों ने अदालत की इमारत के आसपास तैनात पुलिस अधिकारियों पर आग बुझाने वाले यंत्रों से छिड़काव करके और पुलिस से जब्त की गई ढालों और डंडों से उन पर हमला किया। इस दौरान लगभग 30 पुलिस अधिकारी घायल हो गए। इस संबंध में 89 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कार्यवाहक राष्ट्रपति चोई सांग-मोक ने अदालत में हुई हिंसा पर गहरा खेद व्यक्त किया है। येओल ने अपने वकीलों के माध्यम से जारी बयान में समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की है।