-सरकार कर रही दुधारू पशुधन का निःशुल्क बीमा, जनाधार कार्ड धारक पशुपालक है योजना के पात्र,
-बीमा करवाने की अवधि 22 जनवरी तक बढाई
धौलपुर, 20 जनवरी (हि.स.)। मरुधरा के नाम से देश और दुनिया में चर्चित राजस्थान की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने पशुओं के लिए एक बड़ी बीमा योजना “मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना” शुरू की है। योजना के तहत पशुपालकों के लिए बीमा कवरेज सुनिश्चित किया गया है, जिससे उन्हें आर्थिक सुरक्षा और पशुधन के नुकसान पर मुआवजा मिल सके। मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना में प्रदेश के पशुपालक के दाे दुधारू पशुओं गाय और भैंस, 10 भेड़-बकरी या एक ऊंट का निःशुल्क बीमा किया जा रहा है। करीब 400 करोड़ रुपये की इस मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना से मरुधरा के पशुधन का मंगल होगा।
प्रदेश के पशुपालकों को संबल प्रदान करने के लिए शुरू की गई इस मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना से 21 लाख पशुओं का बीमा होगा। इनमें गाय, भैंस, बकरी, भेड़ और ऊंट शामिल हैं। करीब 400 करोड रुपये की इस बीमा योजना में किसी भी आकस्मिक एवं प्राकृतिक आपदा में पशुधन की मृत्यु होने पर गाय, भैंस और ऊंट के लिए 40 हजार तथा बकरी और भेड़ के लिए 4-4 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
प्रदेश की भजनलाल सरकार द्वारा अपने पहले ही बजट में इस योजना की घोषणा की गई थी। मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के लिए पशु के काम में 12 अंकों का टेग होना आवश्यक हैं। पशु के साथ पशुपालक की फोटो, टेग नम्बर , जनाधार कार्ड , जनआधार कार्ड में जुड़े हुए फोन नम्बर वाला फोन, यह दस्तावेज ले जाकर पशुपालक अपने पशुओं का निःशुल्क बीमा करवा सकते हैं।
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. संत सिंह मीणा ने बताया कि प्रदेश के पशुपालकों के हितों को ध्यान में रखते हुये उनके अमूल्य पशुधन का बीमा कर पशुपालकों को पशुधन हानि होने पर सुरक्षा प्रदान किये जाने के लिए “मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना” का शुभारम्भ किया गया है।
मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना में सरकार ने 13 दिसंबर से पशुपालकों से आवेदन लेने शुरू किए थे। योजना में आवेदन की अंतिम तिथि 12 जनवरी थी। परंतु सर्वर के धीरे चलने की वजह से लक्ष्य की तुलना में अब तक आवेदन नहीं हो पाए हैं। ऐसे में सरकार ने अब बीमा करवाने की अवधि को बढ़ाकर 22 जनवरी कर दिया है। राज्य सरकार के इस कदम से पशुपालकों को बड़ी राहत मिली है।
पशुपालक खुद के मोबाइल में एप डाउनलोड करके अथवा ई-मित्र पर जाकर पशुओं का बीमा करवा रहे हैं। यह बीमा एक वर्ष के लिए होगा। पशुपालक को इसके लिए कोई प्रीमियम नहीं देना होगा। बीमा राशि का निर्धारण पशु की नस्ल, उम्र व दुग्ध उत्पादन क्षमता के आधार किया जाएगा। लेकिन किसी भी स्थिति में बीमा की अधिकतम राशि चालीस हजार रुपये से अधिक नहीं होगी। पशुओं के बीमा के लिए निर्धारित उम्र अनुसार गाय की उम्र 3 से 12 वर्ष और भैंस की 4 से 12 वर्ष होनी चाहिए।
योजनान्तर्गत लाभ प्राप्त किये जाने के लिए राजस्थान राज्य के समस्त जनाधार कार्ड धारक पशुपालक पात्र होगें व इन पशुपालकों द्वारा बीमा विभाग से प्रदत वेबसाइट में योजना लाभ के लिए आवेदन किया जायेगा व लॉटरी लॉटरी द्वारा चयनित पशुपालको के पशु का निःशुल्क बीमा किया जायेगा। राज्य के समस्त गोपाल क्रेडिट कार्ड धारक पशुपालक, समस्त लखपति दीदी पशुपालकों को प्रथम प्राथमिकता से लाभान्वित किया जायेंगा। साथ ही अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए क्रमशः 16 और 12 प्रतिशत आरक्षण का भी प्रावधान किया गया है।
21 लाख पशुओं का हाेगा बीमा
प्रदेश की भजन लाल सरकार द्वारा अपने पहले बजट घोषणा अनुसार मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना में प्रथमत 21 लाख पशुओं का बीमा किया जाना है। भेड़ एवं बकरी की एक कैटल यूनिट में 10 पशु तथा दुधारू गाय/भैंस एवं ऊंट के संदर्भ में एक कैटल यूनिट में एक पशु माना जायेगा। यदि किसी पशुपालक के पास 10 से कम भेड़/बकरी है तो ऐसी स्थिति में एक कैटल यूनिट में पशु संख्या की पात्रता कम की जाकर पशुपालक के पास उपलब्ध भेड़/बकरी का बीमा किया जा सकेगा। पशु की कीमत का मूल्यांकन पशु के स्वास्थ्य, दुग्ध उत्पादन क्षमता, आयु, ब्यात् व नस्ल आदि के आधार पर प्रचलित बाजार मूल्य अनुसार पशु चिकित्सक, पशुपालक एवं बीमा प्रतिनिधि द्वारा आपसी सहमति से किया जावेगा तदापि बीमा के लिये एक कैटल यूनिट पशु की अधिकतम कीमत 40 हजार रुपये ही होगी।