शिमला, 21 जनवरी (हि.स.)। राजधानी शिमला में ऑनलाइन ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बीते चार दिनों में ठगी के दो बड़े मामले सामने आए हैं, जिनमें पीड़ितों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। ताजा मामला उपनगर शोघी निवासी कारोबारी प्यार सिंह से जुड़ा है, जिन्होंने बालूगंज पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई है।
प्यार सिंह ने पुलिस को बताया कि उन्होंने भवन निर्माण सामग्री ऑनलाइन ऑर्डर की थी। वेबसाइट पर सामग्री सस्ती दिखने के कारण उन्होंने 6.23 लाख रुपये का भुगतान एडवांस में कर दिया। लेकिन जब सामग्री तय समय पर नहीं पहुंची तो उन्हें ठगी का अहसास हुआ। जांच में सामने आया कि ठगों ने फर्जी वेबसाइट बनाकर प्यार सिंह को निशाना बनाया था। बालूगंज पुलिस ने शिकायत दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
फर्जी वेबसाइट से लगाया चूना
पुलिस के मुताबिक प्यार सिंह को एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर आकर्षक ऑफर दिया था। ठगों ने भरोसा दिलाने के लिए एक पेशेवर दिखने वाली वेबसाइट बनाई थी। वेबसाइट पर सभी जानकारी वास्तविक लग रही थी जिससे प्यार सिंह को धोखाधड़ी का अंदेशा नहीं हुआ।
बालूगंज पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस फर्जी वेबसाइट के डोमेन और बैंक ट्रांजैक्शन की जांच कर रही है।
शहर में चार दिन में दूसरा मामला
यह पहली बार नहीं है जब शिमला में ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया हो। इसी हफ्ते कृषि मंत्री के बेटे व पूर्व मुख्य संसदीय सचिव नीरज भारती भी ऑनलाइन ठगी का शिकार हुए। नीरज भारती ने गोवा में एक रिजॉर्ट बुक करने के लिए 1 लाख रुपये का भुगतान किया था। लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि वहां ऐसा कोई रिजॉर्ट है ही नहीं।
नीरज भारती ने बताया कि उन्होंने रिजॉर्ट की बुकिंग एक अज्ञात एजेंट से की थी जिसने ऑनलाइन बुकिंग का झांसा दिया था। ठगों ने इस मामले में भी एक फर्जी वेबसाइट का सहारा लिया था।
ऑनलाइन ठगी के बढ़ते मामले
शिमला में ऑनलाइन ठगी के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। पुलिस का कहना है कि ज्यादातर मामलों में ठग पहले भरोसा जीतते हैं और फिर पीड़ित को बड़ी रकम का भुगतान करने के लिए मजबूर करते हैं। फर्जी वेबसाइट, कॉल सेंटर और ऑनलाइन एडवरटाइजमेंट के जरिए ठग लोगों को जाल में फंसा रहे हैं।
साइबर पुलिस के अनुसार ऑनलाइन लेन-देन करते समय सतर्क रहना बेहद जरूरी है। किसी भी अनजान वेबसाइट पर पैसे ट्रांसफर करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें।