Mon, Jun 30, 2025
31.4 C
Gurgaon

साइबर ठगी मामले में अंतरराष्ट्रीय गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार

राजनांदगांव/रायपुर, 31 जनवरी (हि.स.)। साइबर सेल राजनांदगांव की टीम ने अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी मामले में अंतरराष्ट्रीय गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ठगी के आरोपित श्रेणिक कुमार सांघवी उर्फ अजय मेहेर नामक एक आरोपित को छत्तीसगढ़ की पुलिस ने गुजरात के वलसाड से पकड़ा है। ये सभी आरोपित भारत से म्यूल बैंक अकाउंट लेकर कंबोडिया स्थित कॉल सेंटर भेजकर भारतीयों से करोड़ों रुपयों की ठगी करते थे। श्रेणिक उर्फ अजय मेहेर नामक आरोपित ने अबतक करीब 10 करोड़ रुपयों की ठगी को अंजाम दिया है। अन्य दो आरोपित शुभम तिवारी और दीपक नरेडी, राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ के रहने वाले हैं, जो म्यूल बैंक अकाउंट्स मुहैया कराने का काम करते थे।

राजनांदगांव एसपी मोहित गर्ग ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में जानकारी दी कि आरोपित श्रेणिक ठगी की रकम को प्राप्तकर हवाला व यूएसडीटी के माध्यम से कंबोडिया अंतरराष्ट्रीय चाइनीज साइबर ठगों को भेजता था।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपितों द्वारा 80 से ज्यादा अकाउंट उपलब्ध कराए गए थे जिसमें 10 करोड़ से ज्यादा की राशि ट्रांजेक्शन की गई है। जिसे हवाला और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए विदेश भेजा रहा था। पैसे ट्रांसफर करने के लिए म्यूल बैंक अकाउंट का भी इस्तमाल हो रहा था। उन्होंने कहा कि जितने लोग इसमें शामिल है सभी के खिलाफ कार्रवाई होगी।

उन्होंने जानकारी दी कि 23 जनवरी को राजनांदगांव शहर में च्वाइस सेंटर संचालक रूपेश साहू ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके बैंक अकाउंट को फ्रीज कर दिया गया है। जांच में पता चला कि उसके खाते में 90 हजार रुपये जमा हुए थे, जो ठगी के पैसे थे। राजनांदगांव निवासी आशुतोष शर्मा के द्वारा धोखाधड़ीपूर्वक कहीं से ठगी की गई रकम 90 हजार रुपये को मंगाने से उसका बैंक खाता फ्रीज हो गया है। प्रार्थी की सूचना पर आरोपित आशुतोष शर्मा के विरुद्ध पुलिस ने मामला दर्ज किया। पुलिस ने आरोपित आशुतोष शर्मा से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने श्रेणिक उर्फ अजय मेहेर गुजरात निवासी के कहने पर आरोपित शुभम तिवारी निवासी डोंगरगढ़ और दीपक नरेडी व अन्य साथियों के साथ मिलकर रूपेश साहू के एकाउंट में रुपये डलवाना बताया। जिसके बाद साइबर सेल राजनांदगांव की टीम ने आरोपिच श्रेणिक कुमार सांघवी को गुजरात के वल्साड से लिया हिरासत में लिया। अजय मेहेर बेहद शातिर बताया जाता है, जो पहचान छिपाने के लिए फर्जी नाम, नंबर और पहचान पत्रों का इस्तेमाल करता था।

पुलिस की पूछताछ में आरोपित श्रेणिक ने बताया कि वह 2024 में कंबोडिया गया था और वहां के स्कैम कॉल सेंटर्स में ठगी करने का तरीका सीखा था। भारत लौटने के बाद उसने अपने साथियों की मदद से कई लोगों के बैंक अकाउंट इकट्ठे किए और कंबोडिया भेजे जिसके बदले में उसे ठगी की रकम का 8-9 प्रतिशत कमीशन मिलता था। जांच में सामने आया कि श्रेणिक कंबोडिया के स्कैम कॉल सेंटर्स से जुड़ा था, जहां से भारतीयों को ठगने का खेल चल रहा था। ठगी का पैसा भारत में मौजूद म्यूल बैंक अकाउंट्स में डलवाया जाता था, जिसे बाद में हवाला और क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से कंबोडिया भेजा जाता था।

Hot this week

Ratan Tata ने अपनी वसीयत में पेटडॉग का भी रखा ध्यान, जानिए अब कौन करेगा Tito की देखभाल

 हाल ही में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने...

गंगा नदी के हालात का आकलन करने के लिए पर्यावरणविदों का विशेष अभियान

कोलकाता, 25 जनवरी (हि.स.)कोलकाता की एक पर्यावरण संस्था ‘मॉर्निंग...
spot_img

Related Articles

Popular Categories