हरिद्वार, 13 फरवरी (हि.स.)। कनखल स्थित निर्मल संतपुरा आश्रम गुरुद्वारे में सातवें गुरु गुरु हर राय महाराज का प्रकाश पर्व, गुरु गोबिंद सिंह के बड़े साहिबजादे बाबा अजीत सिंह का प्रकाश पर्व, संत रविदास महाराज का प्रकाश पर्व और फाल्गुन महीने की संक्रांत धूमधाम से मनाई गई। श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारे पहुंचकर श्री गुरु ग्रन्थ साहिब के आगे माथा टेका और आशीर्वाद लिया।
इस अवसर पर निर्मल संतपुरा आश्रम के परमाध्यक्ष संत जगजीत सिंह शास्त्री ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गुरु हर राय महाराज एक महान आध्यात्मिक महापुरुष थे। उन्हें 14 वर्ष की आयु में गुरु गद्दी उनके दादाजी गुरु हरगोबिंद साहिब ने प्रदान की थी। उन्होंने लोगों की सेवा के लिए दवाखाना खोले जहां बिना भेदभाव के हर जाति, वर्ग के लोग इलाज के लिए आते थे। गुरु रविदास संत शिरोमणि थे उनके शब्दों को श्री गुरु ग्रन्थ साहिब में भी स्थान दिया गया। बाबा अजीत सिंह ने देश और कौम के लिए अपना बलिदान दिया।
उन्होंने कहा कि संतों की कृपा से प्रभु का सिमरन होता है। सुख दुख दो पहलू हैं जो पूरा जीवन साथ रहते हैं। प्रभु सिमरन से दुख समाप्त होते हैं। आपस में बैठकर किसी की निंदा नहीं करनी चाहिए सिर्फ परमात्मा का सिमरन करना चाहिए। परमात्मा की बराबरी कोई नहीं कर सकता। लोक परलोक के सारे कार्य परमात्मा ही संवारता है। जन्म जन्मांतर के चक्कर से प्रभु ही बचाते हैं। प्रभु के चरण में ही सारे सुखों का खजाना है। मन चंचल है इसे प्रभु की भक्ति में लगाओ। जिसे प्रभु का प्रेम मिलता है वह मोह, माया, लोभ, तृष्णा से दूर होता है और उसका जीवन सफल होता है। जिस पर परमात्मा की नजर हो जाती है उसके लिए सभी दिन अच्छे और सफल होते हैं।
इस अवसर पर संत मंजीत सिंह, संत तरलोचन सिंह, अपनिंदर कौर, हरविंदर सिंह, सरबजीत कौर, महिंद्र सिंह, नैनी महेंद्रू, जसविंदर सिंह, गगनदीप सिंह, सुरेंद्र सिंह, अमरजीत सिंह, सुमन शर्मा आदि उपस्थित थे।