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38वें राष्ट्रीय खेलों की मल्लखंब प्रतियोगिता संपन्न, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र का दबदबा

देहरादून, 14 फ़रवरी (हि.स.)। 38वें राष्ट्रीय खेलों के मल्लखंब इवेंट्स रोमांचक मुकाबलों और बेहतरीन प्रदर्शन के साथ संपन्न हुए। प्रतियोगिता में भारत के शीर्ष एथलीटों ने अपनी चपलता, ताकत और सटीकता का प्रदर्शन किया। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए विभिन्न श्रेणियों में कई पदक अपने नाम किए।

पुरुषों की मल्लखंब प्रतियोगिताओं में रोमांचक मुकाबले

रोप फाइनल में मध्य प्रदेश के प्रणव कोरी और महाराष्ट्र के ऋषभ घबडे ने 8.70 के समान स्कोर के साथ स्वर्ण पदक साझा किया। वहीं, तमिलनाडु के एम. हेमाचंद्रन और महाराष्ट्र के श्रदुल वैशाली ने 8.60 के स्कोर के साथ कांस्य पदक अर्जित किया।

पोल फाइनल में मध्य प्रदेश का दबदबा रहा। प्रणीत यादव ने 8.65 के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता, जबकि उनके साथी कुंदन एल. कछावा ने 8.50 के स्कोर के साथ रजत पदक हासिल किया। कांस्य पदक तमिलनाडु के पी. रेड्डी, उत्तराखंड के वासु और महाराष्ट्र के दर्शन मिनियार ने 8.20 के समान स्कोर के साथ साझा किया।

हैंगिंग स्पर्धा में महाराष्ट्र के श्रदुल वैशाली ने 8.60 के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता। उनके साथी सोहिल शेख ने 8.45 के साथ रजत पदक हासिल किया, जबकि मध्य प्रदेश के देवेंद्र पाटीदार और तमिलनाडु के एम. हेमाचंद्रन ने 8.40 के समान स्कोर के साथ कांस्य पदक साझा किया।

महिला वर्ग में महाराष्ट्र का जलवा

पोल फाइनल में मध्य प्रदेश की अनुष्का नायक ने 8.40 के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता। महाराष्ट्र की रूपाली गंगावाने ने समान स्कोर के साथ रजत पदक हासिल किया। कांस्य पदक महाराष्ट्र की जान्हवी जाधव और राजस्थान की रौनक राठौड़ को 8.30 के समान स्कोर के साथ मिला।

रोप फाइनल में महाराष्ट्र की जान्हवी जाधव ने 8.65 के शानदार स्कोर के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उनकी टीम की साथी रूपाली गंगावाने ने 8.45 के स्कोर के साथ रजत पदक जीता, जबकि मध्य प्रदेश की सिद्धि गुप्ता ने समान स्कोर के साथ कांस्य पदक अर्जित किया।

भारत की मल्लखंब विरासत को नई ऊंचाइयां

38वें राष्ट्रीय खेलों में मल्लखंब स्पर्धाओं के समापन के साथ भारत के एथलीटों ने अपनी असाधारण प्रतिभा और समर्पण का परिचय दिया। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के खिलाड़ियों ने विशेष रूप से प्रभावशाली प्रदर्शन किया, जिससे भारत की पारंपरिक मल्लखंब विरासत और मजबूत हुई है। इन खिलाड़ियों ने अपनी मेहनत और उत्कृष्टता से भविष्य के लिए एक नई ऊंचाई स्थापित की है।

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