Fri, Nov 14, 2025
18 C
Gurgaon

महाकुम्भ का आखिरी स्नान 26 फरवरी महाशिवरात्रि को, जानिए शुभ मुर्हूत और स्नान का महत्व

महाकुम्भ नगर, 16 फरवरी (हि.स.)। प्रयागराज में मकर संक्रांति से शुरू हुआ महाकुम्भ महाशिवरात्रि पर समाप्त होगा। विश्व के सबसे बड़े मेले महाकुम्भ में अब तक 51 करोड़ से अधिक श्रद्धालु शामिल हो चुके हैं। देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग कुम्भ देखने और स्नान करने के लिए आ रहे हैं। मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाकुम्भ के सारे अमृत स्नान अब समाप्त हो गए हैं। अगर आप भी अभी तक महाकुम्भ नहीं जा पाए हैं तो आपको चिंतित होने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि महाकुम्भ का आखिरी पर्व स्नान अभी शेष है। बता दे, महाकुम्भ का आखिरी पर्व स्नान 26 फरवरी को महाशिवरात्रि को होगा।

महाशिवरात्रि का महत्व : हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि के पर्व को बहुत ही विशेष माना जाता है। महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि का ही वो दिन था, जब भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती विवाह के बंधन में बंधे थे। महाशिवरात्रि पर ही भगवान ने माता पार्वती से विवाह कर गृहस्थ जीवन में कदम रखा था।

इस मुहूर्त में करें स्नान : पंडित अवधेश मिश्र शास्त्री के अनुसार, फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 8 मिनट पर शुरू होगी। वहीं इस तिथि का समापन 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में 26 फरवरी महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा और इसी दिन इसका व्रत भी रखा जाएग।. वहीं इस बारमहाशिवरात्रि के दिन प्रयागराज के महाकुम्भ में स्नान का विशेष संयोग निर्मित हो रहा है। इस वजह से महाशिवरात्रि का त्योहार कई गुना अधििक महत्वपूर्ण हो गया है। धार्मिक मान्यता है कि ब्रह्म मुहूर्त के दौरान त्रिवेणी संगम में स्नान करना बेहद फलदायी साबित होता है। इसके अलावा महाशिवरात्रि की तिथि के किसी भी समय स्नान किया जा सकता है।

महाशिवरात्रि पर स्नान का महत्व : महाशिवरात्रि पर संगम में स्नान को अमृत स्नान की मान्यता नहीं मिलेगी, लेकिन इस तिथि को स्नान का धार्मिक महत्व है। महाशिवरात्रि पर शिव योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग जैसे दुर्लभ योग बन रहे है। इन्हीं योगों में संग स्नान से सभी पाप मिट जाएंगे और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होगी।

घर पर ही महाकुम्भ का पुण्य कैसे कर सकते हैं अर्जित : पंडित अवधेश मिश्र शास्त्री के अनुसार, अगर आप प्रयागराज नहीं जा पा रहे हैं, तो कोशिश करें कि आप जहां रहते हैं, वहां पवित्र नदी में जाकर स्नान जरूर कर सकते हैं। अगर आपके आसपास कोई पवित्र नदी नहीं है तो आप घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इससे भी पुण्य प्राप्ति हो सकती है। अगर आप महाकुंभ के दौरान घर पर ही स्नान कर रहे हैं, तो इस मंत्र का विशेष रूप से जाप करें। इससे आपको पुण्य फलों की प्राप्ति हो सकती है। “गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति, नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन् सन्निधिं कुरू”

51 करोड़ से ज्यादा लगा चुके पुण्य की डुबकी : 13 जनवरी पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ महाकुम्भ मेले की शुरूआत हुई। 14 जनवरी मकर संक्रांति के दिन पहला अमृत स्नान था। 29 जनवरी मौनी अमावस्या और 3 फरवरी को क्रमश: दूसरा और तीसरा अमृत स्नान हुआ। 12 फरवरी को माधी पूर्णिमा के स्नान के साथ ही कल्पवास का भी समापन हुआ। अब तक महाकुम्भ में पांच स्नान हो चुके हैं। आखिरी स्नान 26 फरवरी को ​महाशिवरात्रि को होगा। महाकुम्भ खत्म होने में अब बस 10 दिन शेष हैं। हालांकि, अभी भी लोग बड़ी संख्या में संगम में डुबकी लगा रहे हैं और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में एक बार फिर प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने वाली है।

Archita phukan का वायरल वीडियो लिंक, क्या है नजारा?

असम की सोशल मीडिया सनसनी Archita phukan, उर्फ बेबीडॉल आर्ची, ने ‘डेम अन ग्रर’ पर बोल्ड डांस वीडियो से इंटरनेट पर धूम मचा दी। लेकिन MMS लीक और पॉर्न इंडस्ट्री की अफवाहों ने विवाद खड़ा कर दिया। वीडियो में क्या है नजारा, और क्या है सच?

SGT University में नजीब जंग ने की डिस्टेंस और ऑनलाइन एजुकेशन सेंटर की घोषणा!

SGT यूनिवर्सिटी में नजीब जंग ने सिर्फ प्रेरणा नहीं दी, बल्कि एक नई शिक्षा क्रांति की नींव भी रखी। क्या है इसकी खासियत?

SGT विश्वविद्यालय में रक्तदान शिविर: चरक जयंती पर मानवता की अनमोल मिसाल

SGT विश्वविद्यालय में चरक जयंती पर लगे रक्तदान शिविर ने आयुर्वेद की मूल भावना – सेवा और करुणा – को जीवंत किया।

Ratan Tata ने अपनी वसीयत में पेटडॉग का भी रखा ध्यान, जानिए अब कौन करेगा Tito की देखभाल

 हाल ही में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने...
spot_img

Related Articles

Popular Categories