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असम विस : भारी हंगामा के चलते बजट सत्र की कार्यवाही तीन बार स्थगित हुई

गुवाहाटी, 19 फरवरी (हि.स.)। असम विधानसभा के चल रहे बजट सत्र के दूसरे दिन बुधवार को भारी हंगामा के चलते विधानसभा अध्यक्ष बिश्वजीत दैमारी ने सदन की कार्यवाही को तीन बार 15, 10 औऱ 20 मिनट के लिए स्थागित किया।

आज जैसे ही प्रश्नकाल समाप्त हुआ, उसके बाद सत्ता पक्ष एवं विपक्ष अध्यक्ष के आसन के सामने पहुंचकर हंगामा करने लगे। अध्यक्ष के पास चार सभा स्थगन का नोटिस दिया गया था। प्रश्नकाल के बाद अध्यक्ष ने जैसे ही रूलिंग पढ़ना शुरू किया। ठीक इसी समय सत्तापक्ष के विधायक सदन के आसन के सामने पहुंचकर बजट सत्र के पहले दिन सदन में पेश एपीएससी भ्रष्टाचार से संबंधित बिप्लव शर्मा की रिपोर्ट पर चर्चा की मांग की।

जबकि कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने पिछले दिनों डिमा हसाओ जिले में हुए कोयला खदान हादसे को लेकर चर्चा की मांग की तो एआईयूडीएफ के सदस्यों ने अन्य मुद्दों लेकर सभा स्थगन का प्रस्ताव पेश किया था। अध्यक्ष द्वारा सभा स्थगन के प्रस्ताव पर अपनी रूलिंग देने के लिए बोलना आरंभ ही किया था कि सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के सदस्य अपनी-अपनी मांगों को लेकर जोरदार हंगामा करने लगे। हालांकि, विस अध्यक्ष ने शोर-शराबे के बीच सभा स्थगन के सभी चारों प्रस्तावों को खारिज करते हुए कहा कि शून्यकाल में पूर्व कार्यक्रम के तहत राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा निर्धारित है।

भारी शोर के बीच अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित की। जैसे ही सदन की कार्यवाही पुनः आरंभ हुई तो स्थिति पहले वाली ही बन गयी। जिसके बाद फिर से 10 मिनट के लिए सदन स्थगित किया गया। अध्यक्ष ने फिर से सदन को चलाने की कोशिश की, लेकिन दोनों पक्ष अपनी-अपनी मांगों पर अड़े रहते हुए हंगामा किया। इसके चलते फिर से एक बार सदन को 20 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा। इस बीच विपक्ष के सदस्य अखिल गोगोई को सदन की कार्यवाही से लिए 10 मिनट के लिए अध्यक्ष ने बाहर कर दिया था।

सदन के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं सदन के नेता प्रतिपक्ष देवब्रत सैकिया ने कहा, “हमने लगभग 40 दिन पहले डिमा हसाओ जिले में अवैध कोयला खदान में विवाद पर चर्चा करने के लिए बैठक को स्थगित करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन अध्यक्ष ने सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों द्वारा हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को तीन बार स्थगित कर दिया।”

वहीं, सत्ता पक्ष एपीएससी भ्रष्टाचार पर सदन में दाखिल बिप्लव शर्मा की रिपोर्ट पर चर्चा करने की मांग करते हुए इसे राज्य का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार बताया है। रिपोर्ट पर चर्चा हुई तो कांग्रेस पार्टी को सदन में जवाब देने में काफी परेशानी होगी। हालांकि, रिपोर्ट का कांग्रेस ने स्वागत किया है।

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