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कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में गुजारी दो रात, तीसरे दिन भी धरना जारी

जयपुर, 23 फ़रवरी (हि.स.)। विधानसभा में 21 फरवरी को प्रश्नकाल के दौरान सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत की इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत छह विधायकों के निलंबन के बाद बना गतिरोध बरकरार है। कांग्रेसी विधायक सदन में धरना देकर बैठे हैं। विधानसभा में धरने पर दाे रात गुजारने के बाद रविवार काे तीसरे दिन भी विधायकाें का धरना जारी है।मंत्रियों के साथ दो दौर की वार्ता विफल हाेने के बाद कांग्रेस विधायक निलंबन बहाली, इंदिरा गांधी पर टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाने और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत के माफी मांगने की मांग पर अड़े हुए हैं।

संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि हमने प्रतिपक्ष के साथियों से बात की है। हम चाहते हैं कि सदन चले। कांग्रेस अपनी हठधर्मिता को छोड़े, अपनी गलती का अहसास करें।

इससे पहले विधायकों के निलंबन के खिलाफ शनिवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस ने विरोध-प्रदर्शन किए और पुतले जलाए थे। अब कांग्रेस ने 24 फरवरी को विधानसभा घेराव की भी तैयारी की है, हालांकि इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है।

विधानसभा में 21 फरवरी को प्रश्नकाल के दौरान सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत की इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी पर कांग्रेस ने वैल में आकर हंगामा किया था। अविनाश गहलोत ने सवाल के जवाब में कहा था कि 2023-24 में आपकी दादी इंदिरा गांधी के नाम पर योजना का नाम रखा था।

मंत्री की इस टिप्पणी के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने वैल में आकर हंगामा शुरू कर दिया था। इस मुद्दे पर बने गतिरोध के कारण सदन की कार्यवाही चार बार स्थगित हुई थी।

मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कांग्रेस विधायकों के सस्पेंड का प्रस्ताव रखा था। स्पीकर वासुदेव देवनानी ने गोविंद सिंह डोटासरा, उप नेता प्रतिपक्ष रामकेश मीणा, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन गैसावत, हाकम अली खान और संजय कुमार को बजट सत्र की बची हुई अवधि के लिए निलंबित कर दिया।

स्पीकर चाहते हैं कि पहले गोविंद सिंह डोटासरा माफी मांगे। उसके बाद आगे की बात हो। उधर, कांग्रेस पहले मंत्री से माफी मंगवाने की बात कर रही है। इसी पर गतिरोध बना हुआ है।

इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी को विधानसभा की कार्यवाही से हटाने पर संसदीय कार्य मंत्री ने सहमति जताई है। मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि अगर उन्हें किसी शब्द से आपत्ति है, तो वह सदन की कार्यवाही से हट जाएगा, लेकिन सदन की कार्यवाही बाधित करना गलत है।

22 फरवरी को देर रात कांग्रेस विधायकों से संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल और गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने वार्ता की।

वार्ता विफल होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि उनका अभी उतना मन नहीं बना, लेकिन हमें विश्वास है कि हम बार-बार जाकर उनसे हकीकत को पहचान कर विकास में सहयोग करने का आग्रह करेंगे। सकारात्मक रूप से वार्ता चल रही है।

गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कहा कि सरकार के नुमाइंदे होने के नाते फर्ज बनता है कि सौहार्दपूर्ण वातावरण में सदन चले।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि सदन चलाना सरकार की पहली जिम्मेदारी होती है। जब सरकार के मंत्री ही विपक्ष जैसा बर्ताव करेंगे तो सदन कैसे चलेगा। 21 फरवरी को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर मंत्री ने जिस तरह की टिप्पणी की, उसे कार्यवाही से हटा देते तो उसी दिन समाधान हो जाता।

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