कोलकाता, 25 फरवरी (हि.स.)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता प्रकाश करात ने मंगलवार को दावा किया कि पश्चिम बंगाल में वामपंथी ताकतें ही सच्चा तीसरा विकल्प हैं।
हुगली जिले के डानकुनी में पार्टी के चार दिवसीय पश्चिम बंगाल राज्य सम्मेलन के समापन पर जनसभा को संबोधित करते हुए करात ने कहा कि न तो भाजपा, तृणमूल कांग्रेस का विकल्प हो सकती है और न ही तृणमूल भाजपा का। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस और भाजपा दोनों के खिलाफ पार्टी पूरी ताकत से लड़ेगी। उन्होंने दावा किया कि माकपा शासन के दौरान पश्चिम बंगाल में किसी भी सांप्रदायिक ताकतों को पैर जमाने का मौका नहीं दिया गया था।
गौरतलब है कि माकपा के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे ने पश्चिम बंगाल में 34 वर्षों तक सत्ता चलाई थी, लेकिन 2011 में तृणमूल कांग्रेस से हारने के बाद पार्टी की राजनीतिक स्थिति लगातार कमजोर होती गई। 2021 के विधानसभा चुनावों में पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी, जबकि 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में भी उसे राज्य में कोई सफलता नहीं मिली।
उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी कार्यकर्ताओं पर झूठे आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं, इसके बावजूद माकपा सांप्रदायिक ताकतों, भ्रष्टाचार और ‘गुंडा राज’ के खिलाफ संघर्ष कर रही है। करात ने कहा कि पश्चिम बंगाल के ग्रामीण इलाकों में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) का लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल सरकार ने इस योजना का दुरुपयोग किया, जिसके चलते केंद्र की भाजपा सरकार ने राज्य के लोगों के लिए इस योजना के लाभ रोक दिए। इस राजनीतिक खींचतान के कारण ग्रामीण जनता को नुकसान हो रहा है और माकपा मांग करती है कि इस योजना का लाभ बंगाल के लोगों को दिया जाए।
करात ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा खतरे में है और इसके लिए तृणमूल कांग्रेस की शासन व्यवस्था जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। माकपा ऐसी घटनाओं के खिलाफ सबसे आगे खड़ी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य की आम जनता “गुंडा राज” की शिकार हो रही है और इसे खत्म करने के लिए वामपंथी ताकतों को मजबूत करना जरूरी है।