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तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी से जुड़ रहे हैं नियुक्ति भ्रष्टाचार के तार

पश्चिम बंगाल में प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच में सीबीआई ने बड़ा खुलासा किया है। सीबीआई की ताजा चार्जशीट के अनुसार, लिप्स एंड बाउंड्स कंपनी की रिसेप्शनिस्ट सुष्मिता चक्रवर्ती ने अयोग्य उम्मीदवारों की सूची ईमेल के जरिए सुजॉयकृष्ण भद्र उर्फ ‘कालीघाट के काकू’ को भेजी थी। यह कंपनी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजी अभिषेक बनर्जी की है। इस सूची में कुल 157 नाम थे, जिनमें से 51 को प्राथमिक स्कूलों में नौकरी मिल चुकी है।

सीबीआई ने 21 फरवरी को मामले की तीसरी अतिरिक्त चार्जशीट अदालत में दायर की। चार्जशीट के अनुसार, बिचौलिए अरुण हाजरा के एजेंट दयाल साहा ने 157 अयोग्य उम्मीदवारों की सूची पहले रिसेप्शनिस्ट सुष्मिता चक्रवर्ती को भेजी थी। इसके बाद सुष्मिता ने यह सूची ‘काकू’ यानी सुजॉयकृष्ण भद्र के ईमेल पर फॉरवर्ड कर दी। जांच में यह भी सामने आया है कि सुजॉयकृष्ण ने यह सूची आगे कुंतल घोष के कर्मचारी अरविंद राय बर्मन को भेजी, जिन्होंने इसे दीपक कुमार विश्वास तक पहुंचाया। इन 157 उम्मीदवारों में से 51 को नौकरी मिल चुकी है।

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भर्ती घोटाले में करोड़ों का लेन-देन

सीबीआई की जांच के अनुसार, अयोग्य उम्मीदवारों की भर्ती के लिए कुंतल घोष ने सुजॉयकृष्ण भद्र को 10 से 12 करोड़ रुपये दिए थे। यह रकम उनके बेहाला स्थित घर और न्यू अलीपुर में लिप्स एंड बाउंड्स के दफ्तर तक पहुंचाई गई थी। चार्जशीट के अनुसार, सुजॉयकृष्ण लिप्स एंड बाउंड्स में चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) के पद पर थे।

सीबीआई का दावा है कि यह घोटाला केवल प्राथमिक शिक्षक भर्ती तक सीमित नहीं था, बल्कि पश्चिम बंगाल सरकार के विभिन्न पदों पर अवैध भर्ती का एक संगठित रैकेट चलाया जा रहा था।

सीबीआई ने चार्जशीट में यह भी कहा है कि सुजॉयकृष्ण ने चार अलग-अलग ईमेल के जरिए 85 अयोग्य उम्मीदवारों की सूची अरविंद को भेजी थी, जिन्होंने इसे आगे दीपक कुमार विश्वास तक पहुंचाया। इन 85 उम्मीदवारों में से 10 को नौकरी मिल चुकी है। चार्जशीट में दो एजेंटों – अमिताभ दत्ता और अनिरुद्ध हालदार – का नाम भी सामने आया है, जिन्होंने इन 85 उम्मीदवारों से लगभग एक करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी।

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ऑडियो क्लिप में 15 करोड़ रुपये की मांग का दावा

सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में एक अहम ऑडियो क्लिप का भी जिक्र किया है, जिसमें सुजॉयकृष्ण भद्र, कुंतल घोष और शांतनु बंद्योपाध्याय के बीच बातचीत दर्ज होने का दावा किया गया है। इस क्लिप में सुजॉयकृष्ण को यह कहते हुए सुना गया कि अवैध नियुक्तियों के लिए तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने 15 करोड़ रुपये की मांग की थी। इसमें पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और माणिक भट्टाचार्य के नाम का भी जिक्र किया गया है।

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अभिषेक बनर्जी ने सीबीआई पर लगाया साजिश का आरोप

सीबीआई की चार्जशीट सामने आने के बाद तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के वकील संजय बसु ने बयान जारी कर कहा कि यह उनकी छवि खराब करने की साजिश है। संजय बसु के मुताबिक, अभिषेक ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई की जांच में पूरा सहयोग किया है, जब भी उन्हें बुलाया गया, वे पेश हुए और सभी जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराए।

अभिषेक के वकील ने यह भी कहा कि ईडी ने अब तक उनके खिलाफ कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की है, न ही उनके खिलाफ किसी अपराध का कोई ठोस सबूत मिला है। इसके बावजूद तीसरी चार्जशीट में उनका नाम शामिल किया गया, जो केवल राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है।

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