कोलकाता, 03 मार्च (हि.स.)। जादवपुर विश्वविद्यालय में हुए बवाल का मामला अब अदालत तक पहुंच गया है। इस मामले को लेकर सोमवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई। न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की अदालत में दायर इस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हो सकती है।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि हिंसा की घटनाओं के बावजूद पुलिस मूकदर्शक बनी रही। शिकायत में कहा गया है कि अब तक इस मामले में कुल सात एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें से दो पुलिस की ओर से और बाकी तृणमूल कांग्रेस तरफ से कराई गईं। याचिकाकर्ता का दावा है कि वामपंथी छात्र संगठनों की शिकायतें दर्ज नहीं की गईं, उल्टा उनके हॉस्टलों में छापेमारी कर उन्हें परेशान किया जा रहा है।
गौरतलब है कि शनिवार को विश्वविद्यालय में वेबकूपा (वेस्ट बेंगॉल कॉलेज एंड यूनिवर्सिटी प्रोफेसर्स एसोसिएशन) की वार्षिक आमसभा के दिन ही परिसर में तनाव बढ़ गया था। आरोप है कि छात्र संघ चुनाव सहित कई मांगों को लेकर वामपंथी छात्र सुबह से ही प्रदर्शन कर रहे थे। शिक्षामंत्री ब्रात्य बसु के विश्वविद्यालय पहुंचने से पहले प्रदर्शनकारी छात्रों ने बैनर और पोस्टर के साथ विरोध जताया। इसी दौरान तृणमूल कांग्रेस की छात्र इकाई टीएमसीपी के सदस्यों के साथ उनकी झड़प हो गई।
विवाद बढ़ने पर प्रदर्शनकारी सभास्थल तक पहुंच गए, जिससे माहौल और गरमा गया। इस दौरान विश्वविद्यालय परिसर में मौजूद तृणमूल समर्थित शिक्षाबंधु समिति के दफ्तर में तोड़फोड़ की गई और आगजनी भी हुई। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने शिक्षामंत्री ब्रात्य बसु की कार के टायर की हवा निकाल दी। इस हंगामे में खुद मंत्री को भी धक्का-मुक्की में चोट लगी, जिसके बाद उन्हें एसएसकेएम अस्पताल में इलाज कराना पड़ा।