–प्रार्थना करना भी चिकित्सा का एक भाग : सतीश राय
–गरीब देशों के लिए वरदान है स्पर्श चिकित्सा
प्रयागराज, 04 मार्च (हि.स.)। बड़ी और असाध्य बीमारियां गलत उपचार और रोग को दबाने का परिणाम होता है। शरीर में रोगों से बचने की अद्भुत शक्ति मौजूद है, बस इन्हें पहचानने की जरूरत है।
यह बात मंगलवार को एसकेआर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान प्रयागराज रेकी सेंटर पर आयोजित नि:शुल्क स्पर्श ध्यान कार्यक्रम के समापन पर जाने-माने स्पर्श चिकित्सक सतीश राय ने कही।
–डिप्रेशन का सरल उपाय है स्पर्श ध्यानउन्होंने कहा कि स्पर्श चिकित्सा की विधि स्पर्श ध्यान धीरे-धीरे तनाव को मुक्त करता है, डिप्रेशन दूर करता है, शरीर को आरामदायक स्थिति में पहुंचाता है, बेहतर नींद लाने में मदद करता है। इससे मन एकाग्र होता है। यह औषधि विहीन चिकित्सा न केवल उपचार की पद्धति है, बल्कि यह एक जीवन पद्धति भी है, जो शरीर के प्राण शक्ति को बढ़ाता है और शरीर की आंतरिक प्रक्रिया में सुधार लाता है l
–मिलावटी खानपान स्वस्थ जीवन के लिए चुनौतीसतीश राय ने कहा कि आज भारत का हर चौथा व्यक्ति किसी न किसी बीमारी से परेशान है। आज की तेज रफ्तार जिंदगी और मिलावटी खानपान के कारण स्वस्थ जीवन एक चुनौती बन गया है। ऐसे में स्पर्श चिकित्सा विधि द्वारा उपचार करने से शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक चिकित्सा एक साथ हो जाती है l
–छूकर उपचार करने की पद्धति है स्पर्श चिकित्सासतीश राय ने कहा सहस्त्र वर्षों पूर्व भारत में स्पर्श चिकित्सा का ज्ञान था l गरीब देशों के लिए वरदान है यह स्व उपचार विधि अर्थात (सेल्फ हीलिंग प्रॉसेस) l इस पद्धति से उपचार करने में सूई या दवा नहीं दी जाती बल्कि शरीर के रोग ग्रस्त अंगों को स्पर्श कर उपचार किया जाता है। इसमें दबे रोग भी उभर कर ठीक हो जाते हैं। यह सबसे सस्ती, सरल और सुविधाजनक उपचार पद्धति है। उन्होंने कहा कि अपनी आस्था के अनुसार ईश्वर से बीमारियों को ठीक करने के लिए प्रार्थना करना भी चिकित्सा का ही एक भाग है जिसका प्रयोग सदियों से हर घर में हो रहा है।