जम्मू, 05 मार्च (हि.स.)। विधानसभा सत्र के दौरान आम आदमी पार्टी के नाराज विधायक मेहराज मलिक को स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने ठीक से व्यवहार करने अन्यथा उन्हें सदस्यों को बीच में रोकने के लिए मार्शल के जरिये बाहर निकाल दिए जाने की चेतावनी दी। जब मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे तो उन्होंने बीच में रोककर डोडा में बिजली वितरण में सुधार करने और उपभोक्ताओं को बिजली और पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने में सरकार की विफलता का मुद्दा उठाया। इस बीच मलिक ने विपक्षी भाजपा सदस्यों के पीछे सीट दिए जाने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि उन्हें ट्रेजरी बेंच से इस तरफ स्थानांतरित कर दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आम आदमी पार्टी के नाराज विधायक मेहराज मलिक से कहा कि आप मेरे दिल में हैं और छोटे भाई हैं। मेहराज मलिक ने सदन में विपक्षी भाजपा सदस्यों के पीछे सीट दिए जाने की शिकायत की थी। अब्दुल्ला ने यह टिप्पणी सदन में प्रश्नकाल के दौरान पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना (बिजली) के बारे में एक प्रश्न का उत्तर देते समय बीच में रोके जाने के तुरंत बाद की। इस पर स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने मलिक को चेतावनी दी कि वह ठीक से व्यवहार करें अन्यथा उन्हें सदस्यों को बीच में रोकने के लिए मार्शल के जरिये सदन से बाहर निकाल दिया जाएगा।
मलिक ने सबसे पहले नशे की लत पर एक प्रश्न के दौरान अपनी आवाज उठाई और शराब की थोक दुकानों को बंद करने की मांग की। जब मुख्यमंत्री एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे तो उन्होंने उन्हें बीच में रोक दिया और डोडा में बिजली वितरण में सुधार करने और उपभोक्ताओं को बिजली और पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने में सरकार की विफलता का मुद्दा उठाया। इस बीच मलिक ने विपक्षी भाजपा सदस्यों के पीछे एक सीट दिए जाने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि उन्हें ट्रेजरी बेंच से इस तरफ स्थानांतरित कर दिया गया है। इस पर मुख्यमंत्री ने मलिक को जवाब दिया कि सदन के संरक्षक के रूप में अध्यक्ष ही सदस्यों के बैठने की व्यवस्था तय करते हैं। अब्दुल्ला ने कहा कि आप मेरे दिल में हैं और मेरे छोटे भाई हैं। मैं चाहता था कि आप मेरे पास बैठते।
उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने सदन के नेता का सम्मान न करने के लिए मलिक की निंदा की और उन्हें उचित व्यवहार करने की सलाह दी। इससे पहले भाजपा सदस्य शक्ति राज परिहार के प्रश्न का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर 50 प्रतिशत ट्रांसमिशन और वितरण (टीएंडडी) घाटे का सामना कर रहा है और कहा कि सरकार इसे कम करने की कोशिश कर रही है। अब्दुल्ला ने कहा कि डोडा जिले में नुकसान कम करने के कार्यों के लिए स्वीकृत लागत 86.28 करोड़ रुपये है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि अगले साल तक काम पूरा हो जाएगा।