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राजीव गांधी पर टिप्पणी से भड़के गहलोत, कहा-सिरफिरा ही कर सकता है ऐसी टिप्पणी

जयपुर, 6 मार्च (हि.स.)। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर की गई टिप्पणी को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अय्यर को सिरफिरा आदमी बताते हुए कहा कि इस तरह की टिप्पणी केवल वही व्यक्ति कर सकता है, जिसकी मानसिक स्थिति ठीक न हो।

गहलोत ने जयपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि उन्हें बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि मणिशंकर अय्यर इस तरह का बयान देंगे। अय्यर कांग्रेस पार्टी के प्रति समर्पित रहे हैं। मैं उनसे 30-35 साल पहले मिला था, जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे। उस वक्त वे कांग्रेस के एक समर्पित कार्यकर्ता थे। यही वजह थी कि उन्हें नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की सरकार में भी केंद्रीय मंत्री बनाया गया। लेकिन पिछले आठ-दस सालों में उन्होंने जिस तरह की बयानबाजी शुरू की है, वह पूरी तरह से समझ से परे है।

गहलोत ने कहा कि अय्यर पाकिस्तान, नरसिम्हा राव और यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर भी विवादित बयान दे चुके हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि राजीव गांधी के खिलाफ अचानक ऐसी टिप्पणी करने का क्या मकसद है?

गहलोत ने कहा कि राजीव गांधी का योगदान भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है। उन्होंने राजीव गांधी की उपलब्धियाें का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे व्यक्ति के बारे में इस तरह की टिप्पणी करना अय्यर की हताशा और मानसिक अस्थिरता को दर्शाता है।

गहलोत ने अय्यर की टिप्पणी को पूरी तरह निंदनीय बताते हुए कहा कि यह वही व्यक्ति है जो पहले भी विवादास्पद बयान दे चुका है। कांग्रेस पार्टी में रहकर राजीव गांधी जैसे महान नेता के खिलाफ इस तरह का बयान देना अय्यर की राजनीतिक अपरिपक्वता को दर्शाता है।

गौरतलब है कि एक इंटरव्यू के दौरान मणि शंकर अय्यर ने पूर्व पीएम राजीव गांधी पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि वो एक पायलट हैं। वो दो बार फेल हो चुके हैं। तो मैंने सोचा कि ऐसा व्यक्ति प्रधानमंत्री कैसे बन सकता है?

कॉन्स्टिट्यूशन क्लब को लेकर भजनलाल सरकार पर निशानापूर्व मुख्यमंत्री ने कॉन्स्टिट्यूशन क्लब को लेकर भी भजनलाल सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लोकसभा स्पीकर बड़ा गरिमामय पद है और उनको शायद जानकारी दी गई कि या नहीं दी गई कि इसका उद्घाटन हो चुका है। तत्कालीन स्पीकर डॉ. सीपी जोशी, तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और शांति धारीवाल यूडीएच मंत्री सब प्रोग्राम में मौजूद थे। सबको मालूम है कि ये उद्घाटन हो चुका है और ऐसी परंपरा क्यों डाल रहे हैं लोग कि वापस उसका उद्घाटन करवाओ। गहलोत ने कहा कि पांच-छह साल पहले वसुंधरा राजे ने बुलाया था प्रधानमंत्री मोदी को। रिफाइनरी का प्रोजेक्ट 37 हजार करोड़ का था, जब मैंने उसका शिलान्यास करवाया था। डॉ. वीरप्पा मोइली आए थे, सोनिया गांधी आईं थीं और वो टाइम बाउंड प्रोग्राम पूरा हो जाता लेकिन पांच साल तक उसे बंद रखा गया कि श्रेय कांग्रेस को नहीं मिले। कंस्टीट्यूशन क्लब के प्राेजेक्ट को इसलिए बंद रखा गया कि श्रेय कांग्रेस को नहीं मिले। गांधी वाटिका को भी एक साल इसलिए बंद रखा गया। उन्हाेंने कहा कि हमारी सोच में और उनकी सोच में रात-दिन का फर्क है। बहुत अनफॉर्चुनेट है कि यहां ये सरकार और यहां के स्पीकर पता नहीं क्या सोच कर इसका वापस शुभारंभ करने के नाम पर एक साल तक इसे बंद रखा। उन्होंने कहा कि अभी भी समय है ओम बिरला को खुद ऐसे प्रोग्राम में भाग नहीं लेना चाहिए।

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