Mon, Mar 10, 2025
25 C
Gurgaon

मप्रः नेशनल लोक अदालत आज, आपसी समझौते से होगा प्रकरणों का निराकरण

भोपाल, 8 मार्च (हि.स.)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के तत्वावधान एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में आज (शनिवार को) उच्च न्यायालय से लेकर प्रदेश के सभी जिला, तहसील न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। इस लोक अदालत में विभिन्न लम्बित प्रकरणों का आपसी सुलह समझौते से निराकरण किया जाएगा।

जिला विधिक सहायता अधिकारी अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में आपराधिक प्रकरण, चेक बाउंस प्रकण, विद्युत प्रकरण, मोटर क्लेम प्रकरण, सिविल प्रकरण, बैकों एवं विद्युत के प्रीलिटिगेशन प्रकरण एवं अन्य राजीनामा योग्य प्रकरण को रखा जाएगा। इस लोक अदालत में बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरण को आपसी समझौतो से निराकृत किया जाएगा। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने विद्युत अधिनियम 2003 धारा 135 के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए विद्युत उपभोक्ताओं एवं उपयोगकर्ताओं से अपील की है कि वे कानूनी काईवाई से बचने के लिए अदालत में समझौता करने के लिए संबंधित बिजली कार्यालय से संपर्क करें।

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि धारा 135 के अंतर्गत अदालत में लंबित प्रकरणों का निराकरण करने के लिये निम्न दाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवॉट तक के गैर घरेलू एवं 10 हॉर्स पॉवर भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को प्रकरणों में ही छूट दी जाएगी।

प्रि-लिटिगेशन स्तर पर

कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्‍येक छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

लिटिगेशन स्तर पर

कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छःमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी।

लोक अदालत में छूट नियम एवं शर्तों के तहत दी जाएगी

आवेदक को निर्धारित छूट के उपरांत शेष बिल आंकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा। उपभोक्ता/उपयोगकर्ता को विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन/संयोजनों के विरूद्ध विद्युत देयकों की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा। आवेदक के नाम पर कोई वैध कनेक्शन न होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने के लिये आवेदक द्वारा वैध कनेक्शन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित कनेक्शनों के विरूद्ध बकाया राशि (यदि कोई हो) का पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा।

नेशनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी/अनधिकृत उपयोग पहली बार किये जाने की स्थिति में ही दी जाएगी। विद्युत चोरी/अनधिकृत उपयोग के प्रकरणों में पूर्व की लोक अदालत/अदालतों में छूट प्राप्त किये उपभोक्ता/उपयोगकर्ता छूट के पात्र नहीं होंगे। सामान्य बिजली बिलों में जुड़ी बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जाएगी। नेशनल लोक अदालत में दी जा रही छूट आंकलित सिविल दायित्‍व राशि 10 लाख रूपये तक के प्रकरणों के लिए सीमित रहेगी। यह छूट मात्र नेशनल ‘‘लोक अदालत‘‘ 8 मार्च 2025 को समझौते करने के लिये ही लागू रहेगी।

Hot this week

Ratan Tata ने अपनी वसीयत में पेटडॉग का भी रखा ध्यान, जानिए अब कौन करेगा Tito की देखभाल

 हाल ही में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने...

गंगा नदी के हालात का आकलन करने के लिए पर्यावरणविदों का विशेष अभियान

कोलकाता, 25 जनवरी (हि.स.)कोलकाता की एक पर्यावरण संस्था ‘मॉर्निंग...
spot_img

Related Articles

Popular Categories