दोनों धार्मिक स्थानों पर उपहार बाबा विश्वनाथ और लड्डू गोपाल को अवलोकित कराया जाएगा
वाराणसी, 8 मार्च(हि.स.)। काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ के गौने (रंगभरी एकादशी) के पहले शनिवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने श्री कृष्ण जन्मस्थान मथुरा स्थित लड्डू गोपाल को होली का उपहार भेजा है। उपहार की समस्त सामग्री पहले बाबा विश्वेश्वर(काशी विश्वनाथ )को अर्पित कर इसे वाहन से मथुरा भेजा गया। इसी प्रकार मथुरा में श्री कृष्ण जन्मस्थान से आज ही श्री विश्वेश्वर महादेव को अर्पित उपहार भी काशी के लिए भेजा गया। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के इस नवीन सनातन नवाचार को लेकर दोनों स्थानों पर श्रद्धालुओं में हर्ष का माहौल है।
मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि इसके लिए श्रीकृष्ण जन्मस्थान मथुरा के सचिव कपिल शर्मा और गोपेश्वर चतुर्वेदी से बातच की थी, जिसे उन्होंने भी सहर्ष स्वागत एवं समर्थन किया था। मथुरा भेजने से पहले विधि विधान पूर्वक उपहार की समस्त सामग्री श्रीविश्वेश्वर को अर्पित करने के उपरांत पूरे साज-सज्जा और धूमधाम से इसे लड्डू गोपाल के पास भेजा गया। सीईओ के अनुसार मथुरा और काशी दोनों ही मोक्ष दायिनी नगरी हैं। इन दोनों तीर्थस्थलों के बीच समन्वय और श्रद्धा का आदान-प्रदान एक अभिनव पहल है, जिसे इस वर्ष के रंगभरी एकादशी और होली पर्व में सम्मिलित किया जाएगा।
श्री काशी विश्वनाथ धाम में मथुरा से प्राप्त भेंट सामग्री को रविवार को सुबह 6.30 बजे समारोह पूर्वक ग्रहण कर भगवान विश्वनाथ से अवलोकित कराया जाएगा। वहीं, मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान में 9 मार्च को ही काशी से प्राप्त उपहार सामग्री को सुबह 9 बजे समारोह पूर्वक स्वीकार कर भगवान लड्डू गोपाल को अवलोकित कराया जाएगा। उपहार में प्राप्त खाद्य प्रसाद सामग्री का वितरण दोनों धाम में श्रद्धालुओं के बीच होगा। श्रीकृष्ण जन्म स्थान मथुरा से प्राप्त रंग अबीर गुलाल का प्रयोग रंगभरी एकादशी तथा होली के पर्व पर भगवान विश्वनाथ को अर्पित करने में किया जाएगा। इसी प्रकार श्री काशी विश्वनाथ धाम से श्री कृष्ण जन्म स्थान मथुरा को प्रेषित सामग्री का प्रयोग रंगभरी एकादशी एवं होली पर्व पर भगवान लड्डू गोपाल की होली में किया जाएगा। इस रस्म के दौरान मंदिर के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी निखिलेश कुमार मिश्र, डिप्टी कलेक्टर शम्भू शरण, विशेष कार्याधिकारी उमेश कुमार सिंह, नायब तहसीलदार मिनी एल. शेखर एवं समस्त कार्मिकों की सहभागिता रही।
उल्लेखनीय है कि पौराणिक मान्यता के अनुसार रंगभरी एकादशी की कथा भगवान श्रीकृष्ण ने राधा रानी को सुनाई थी। तभी से यह पर्व मनाया जाता है। काशी विश्वनाथ धाम में भी रंगभरी एकादशी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है, जो न केवल स्थानीय महत्व रखता है, बल्कि इसका वैश्विक महत्व भी है। इस उपहार आदान-प्रदान के साथ, दोनों धामों के भक्तों को विशेष रूप से भगवान लड्डू गोपाल के रूप में बाल स्वरूप के भगवान और बाबा विश्वनाथ से आशीर्वाद प्राप्त होगा।