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चमचमाती ट्रॉफी के साथ रोहित शर्मा ने आलोचकों को दिया करारा जवाब

नई दिल्ली, 10 मार्च (हि.स.)। दुबई में खेले गए चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में रोहित शर्मा ने 76 रनों की शानदार पारी खेलकर अपनी टीम को खिताबी जीत दिलाई। बीते छह महीनों में रोहित के लिए यह सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा, जहां रन बनाने में कठिनाइयों के कारण उन्हें टीम से खुद को बाहर तक करना पड़ा था। लेकिन जैसा कि कहा जाता है, अंधेरे के बाद उजाला जरूर आता है। रोहित के लिए यह उजाला नहीं, बल्कि चमक, दीप्तिमान और गौरवशाली था।

आलोचनाओं के बीच रोहित का अडिग आत्मविश्वास

रोहित की बल्लेबाजी शैली को लेकर दिग्गजों ने सवाल उठाए थे, खासकर उनकी छोटी पारियों की आलोचना हो रही थी। लेकिन फाइनल मुकाबले में उनकी पारी ने सभी आलोचकों को चुप करा दिया। 41, 20, 15 और 28 रनों की पारियों के बाद उन्होंने सबसे महत्वपूर्ण मैच में 76 रन बनाकर टीम को जीत की राह पर ला खड़ा किया।

रोहित की बल्लेबाजी में आक्रामकता के साथ-साथ दृढ़ता भी नजर आई। उन्होंने पावरप्ले में तेजी से रन बटोरने की कोशिश की ताकि बाद में टीम को परेशानी न हो। धीमी पिचों पर रन बनाना मुश्किल था, लेकिन उन्होंने हर मैच में खुद को साबित करने की कोशिश जारी रखी।

कप्तानी में भी दिखाई कुशलता

रोहित न केवल बल्लेबाज बल्कि एक बेहतरीन कप्तान भी हैं। उन्होंने भारत को चार आईसीसी फाइनल्स तक पहुंचाया, जिनमें से दो में जीत हासिल की। कप्तान के तौर पर उनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी टीम को ऊर्जावान और प्रतिबद्ध बनाए रखना था, और उन्होंने इसे बखूबी निभाया।

उन्होंने आलोचनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हर बार फील्ड पर उतरने का मतलब यह नहीं होता कि हम हर मुकाबला जीतेंगे। खेल में हार-जीत होती रहती है। हमने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज गंवाई, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि टीम कमजोर हो गई है। यह खेल का हिस्सा है।”

टीम को लेकर रोहित का विश्वास

रोहित का मानना है कि भारतीय टीम बेहद प्रतिभाशाली है और इसमें कोई संदेह नहीं कि यह दुनिया की सबसे बेहतरीन टीमों में से एक है। उन्होंने पूर्व कोचों और कप्तानों का भी आभार जताया और कहा, “यह सिर्फ मेरी मेहनत नहीं है, बल्कि मुझसे पहले के कप्तानों, कोचों जैसे राहुल द्रविड़ और गौतम गंभीर का भी योगदान रहा है। भारत एक शानदार टीम है।”

निस्वार्थ कप्तान, बेहतरीन खिलाड़ी

रोहित शर्मा ने अपनी टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई और यह साबित कर दिया कि वे न सिर्फ एक बेहतरीन बल्लेबाज हैं बल्कि एक आत्मनिर्भर और समर्पित कप्तान भी हैं। चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में उनकी यह पारी हमेशा याद रखी जाएगी।

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