चेन्नई, 10 मार्च (हि.स.)। पुडुचेरी की अर्थव्यवस्था पिछले पांच वर्षों में 44.06% बढ़ी है, जिसने 9.56% की औसत वार्षिक वृद्धि दर हासिल की है, उपराज्यपाल के कैलाशनाथन ने सोमवार को विधानसभा के बजट सत्र के दौरान घोषणा की।
सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) की वृद्धि दर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जो 2020-21 में -2.21% से बढ़कर 2024-25 में 8.81% हो गई है। प्रति व्यक्ति आय भी 2024-25 में 5.33% बढ़कर 3,02,680 रुपये पर पहुंच गई है। सीमित राजस्व संसाधनों के बावजूद, केंद्र शासित प्रदेश की अपनी राजस्व प्राप्तियां 2020-21 में 8,418 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 8.81% हो गई हैं। 2020-2021 से 2023-2024 में 11,311.92 करोड़ रुपये तक, 34.36% की वृद्धि दर दर्शाता है।
सरकार ने रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण प्रगति की है, बेरोजगारी वृद्धि दर 2020-21 में 6.7% से घटकर 2024-25 में 4.3% हो गई है। 236 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की स्थापना सहित विभिन्न पहलों के माध्यम से 21,000 से अधिक नौकरियों का सृजन किया गया है।
पुडुचेरी को सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा में “अचीवर” और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच जीरो हंगर, उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचे और कम असमानताओं में “शीर्ष प्रदर्शनकर्ता” के रूप में भी मान्यता दी गई है।
सरकार प्रौद्योगिकी-संचालित, नागरिक-केंद्रित और जलवायु-संवेदनशील विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए तेज़, टिकाऊ और समावेशी विकास प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप पुडुचेरी को “बेस्ट” (व्यापार, शिक्षा, आध्यात्मिक और पर्यटन) केंद्र के रूप में स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।