होली त्यौहार का भारत में बहुत महत्व है। यह एक ऐसा त्यौहार है जिसे जाति या धर्म की परवाह किए बिना सभी लोग सड़कों पर एक साथ आकर और रंग-गुलाल उड़ाते हुए खुशी के साथ मनाते हैं। लेकिन यदि सावधानी नहीं बरती तो रासायनिक रंग चेहरे को बदरंग कर सकते हैं। पंचांग के अनुसार इस वर्ष होली 14 मार्च को है।
होली पर लोगों को एक-दूसरे पर रंग फेंकते देखना बहुत मजेदार लगता है। हालाँकि होली खेलने के बाद उन रंगों का असर त्वचा पर अधिक दिखाई देने लगता है। लेकिन होली चाहे कितनी भी धूमधाम से मनाई जाए, सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अन्य एलर्जी से बचने के लिए उचित देखभाल की जानी चाहिए। होली के रंगों से खेलना सभी को खुशी देता है। बेल्लारी के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. विश्वनाथ के मुताबिक अगर कुछ प्रकार के रंग आंखों के संपर्क में आते हैं, तो वे आंखों पर गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं।
उन्होंने सुझाव दिए कि होली में इस्तेमाल किए जाने वाले रंगों में रासायनिक यौगिक होते हैं। इनका संवेदनशील आंख पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। रसायनों का कॉर्निया पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कभी-कभी होली के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रंगों में फफूंद होती है। डॉ. रवींद्रन कहते हैं कि इनसे कॉर्नियल अल्सर हो सकता है। इन रंगों में प्रयुक्त रसायनों का त्वचा, बाल और नाखूनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए यदि आप होली समारोह में भाग लेने से पहले कुछ सावधानियां बरतेंगे तो आप इन समस्याओं से बच सकते हैं।
उनका कहना हैं कि होली के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले अधिकांश रंगों में ऐसे रसायन होते हैं जो त्वचा को शुष्क कर देते हैं और बालों को रूखा बना देते हैं।
होली के रंगों से खेलने से पहले अपने चेहरे और गर्दन पर नारियल तेल से हल्के हाथों से मालिश करें। नारियल तेल को बालों पर अच्छी तरह लगाने से रंग सीधे बालों पर नहीं चिपकते।