जम्मू, 12 मार्च (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा विधायक सुनील शर्मा ने बुधवार को गृह मंत्रालय द्वारा अवामी एक्शन कमेटी (एसीसी) और जेके इत्तेहादुल मुस्लिमीन (जेकेआईएम) पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का स्वागत किया और इसका विरोध करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की आलोचना की।
सुनील शर्मा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में मौलवी उमर फारूक के नेतृत्व वाली अवामी एक्शन कमेटी और अब्बास अंसारी के नेतृत्व वाली इत्तेहादुल मुस्लिमीन भारत की एकता के खिलाफ काम कर रहे थे।
सुनील ने कहा कि आज गृह मंत्रालय ने इन दोनों संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह एक सराहनीय निर्णय है। भाजपा इन दोनों अलगाववादी संगठनों को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित करने के केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा लिए गए इस निर्णय का स्वागत करती है। किसी भी व्यक्ति और संगठन को देश की अखंडता और एकता के खिलाफ काम करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
प्रतिबंध आदेश का विरोध करने वाली पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा कि पीडीपी अलगाववादी भावना पर बनी पार्टी है। हुर्रियत और जमात-ए-इस्लामी जैसे अलगाववादी समूह पीडीपी की नींव हैं। जब भी कट्टरपंथी और भारत विरोधी दलों पर हमला होता है तो मैडम को दर्द होता है और यह दर्द उनके बयानों में झलकता है। मुसलमानों को कथित तौर पर निशाना बनाए जाने के बारे में कांग्रेस नेता राशिद अल्वी के ताजा बयान के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा कि ये पार्टियां फूट डालो और खुश करो की नीति पर चलती हैं जो संविधान की भावना के अनुरूप नहीं है और अब इस तरह की हरकतें स्वीकार्य नहीं होंगी। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एसीसी और जेकेआईएम दोनों पर पांच साल की अवधि के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।