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हिमाचल में कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा का प्रदर्शन, भ्रष्टाचार और माफिया राज को लेकर हमला

शिमला, 27 मार्च (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने शिमला के चौड़ा मैदान में विशाल प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि प्रदेश में ढाई वर्षों के शासन में कांग्रेस सरकार ने हिमाचल को बर्बादी के कगार पर ला खड़ा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने इस अवधि में 32,000 करोड़ का नया कर्ज लाद दिया, जिससे राज्य का कुल कर्ज 1,03,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

बिंदल ने कहा कि कांग्रेस सरकार की लूट और भ्रष्टाचार के कारण विकास पूरी तरह से ठप हो गया है जिससे रोजगार के अवसर समाप्त हो गए हैं और महंगाई चरम पर पहुंच गई है।

डॉ. बिंदल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश चिट्टा माफिया, शराब माफिया, कबाड़ माफिया, खनन माफिया और वन माफिया के चंगुल में फंस चुका है। कांग्रेस सरकार इन माफियाओं को खुला संरक्षण दे रही है जिससे प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। उन्होंने चंबा से किन्नौर और ऊना से सिरमौर तक के क्षेत्र में हो रही नृशंस हत्याओं का उदाहरण देते हुए कहा कि दलित युवक की निर्मम हत्या का मामला इसका सबूत है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि चिट्टा माफिया ने हिमाचल की युवा पीढ़ी को नशे की लत में धकेल दिया है जबकि कांग्रेस सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। उन्होंने बिलासपुर में माफियाओं द्वारा खुलेआम गोलीबारी, मंडी में खनन माफिया द्वारा अधिकारियों के साथ मारपीट, और चंबा में वन माफिया द्वारा फॉरेस्ट गार्ड को घसीटने जैसे घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने प्रदेश को अपराधियों के हवाले कर दिया है।

डॉ. बिंदल ने कांग्रेस सरकार के चुनावी वादों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 5 लाख नौकरियों और 1 लाख सरकारी रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन अब तक हजारों सरकारी पदों को समाप्त कर दिया गया। महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह देने, 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने और बागवानों को उचित मूल्य देने का वादा छलावा साबित हुआ है। इसके बजाय, सरकार ने जनता पर नए-नए टैक्स लगाए हैं और महंगाई बढ़ाई है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अब तक 1500 सरकारी संस्थानों को बंद कर दिया है, जिनमें 1200 स्कूल, पीएचसी, सीएचसी, पटवार सर्कल, तहसीलें, पीडब्ल्यूडी और आईपीएच के दफ्तर शामिल हैं। इसके अलावा वृद्धावस्था पेंशन योजना, हिमकेयर, सहारा योजना, सुकन्या योजना और आयुष्मान योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर दिया गया है, जिससे जनता के अधिकारों का उल्लंघन हुआ है।

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