Mon, Apr 28, 2025
32 C
Gurgaon

बिम्सटेक को विकासोन्मुख संगठन बनाने पर नेपाल का जोर

काठमांडू, 03 अप्रैल (हि.स.)। बैंकाक में इंडिया फाउंडेशन के कार्यक्रम में नेपाल की विदेशमंत्री डॉ. आरजू राणा देउबा ने कहा कि बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल (बिम्सटेक) को जीवंत, जन-केंद्रित और विकास-उन्मुख संगठन के रूप में विकसित होना चाहिए। उन्होंने यह बात थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के मौके पर बुधवार को आयोजित तीसरी बिम्सटेक वार्ता 2025 में कही।आरजू राणा ने क्षेत्रीय संगठन से क्षेत्र के भीतर लोगों की उम्मीदों, अपेक्षाओं और समस्याओं को संबोधित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय और वैश्विक संगठनों को इसकी समस्याओं की पहचान करने और उन्हें हल करने के लिए सामूहिक प्रयास करने में सक्षम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कैसे दुनिया भर में दो विश्व युद्धों की राख से क्षेत्रीय कूटनीति और सहयोग उभरा, और कैसे स्थानीय गतिशीलता, अद्वितीय क्षेत्रीय पहचान और अवसरों के साथ-साथ वैश्वीकरण से उभरी चुनौतियों जैसे कारकों ने प्रक्रिया को और आकार दिया है।डॉ. राणा ने बिम्सटेक को एक मजबूत साझेदारी मंच में बदलने के लिए क्षेत्रीय एकता और सामूहिक सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने इस क्षेत्र की महिलाओं और बच्चों के खराब स्वास्थ्य, मातृ और शिशु मृत्यु दर की स्थिति, शासन में महिलाओं के प्रतिनिधित्व, महिलाओं के लिए नेतृत्व के अवसर और जलवायु परिवर्तन जैसी बढ़ती चुनौतियों को मिलकर सामना करने के लिए आह्वान किया।उन्होंने बंगाल की खाड़ी क्षेत्र और उससे आगे क्षेत्रीय शांति, एकता और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने में बिम्सटेक की भूमिका पर जोर दिया। डा. राणा ने बिम्सटेक के सिद्धांतों और उद्देश्यों के प्रति नेपाल की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा देने, गरीबी को कम करने और सामूहिक सहयोग और लोगों से लोगों के संबंधों के माध्यम से जलवायु से संबंधित चुनौतियों का समाधान करने के लिए सदस्य देशों के बीच सार्थक सहयोग का आह्वान किया। विदेशमंत्री राणा ने अर्थव्यवस्था, संसाधनों, संस्कृति, समाज और क्षेत्र के लोगों में क्षेत्रीय संबंधों को गहरा करने के लिए बिम्सटेक की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय संगठन अभी तक प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संसाधनों और युवा आबादी की क्षमता का दोहन करने में सक्षम नहीं है। उन्होंने मुक्त व्यापार क्षेत्र समझौते, परिवहन कनेक्टिविटी के लिए बिम्सटेक मास्टर प्लान, बौद्ध सर्किट, मंदिर सर्किट और इको-टूरिज्म सर्किट जैसे मौजूदा और नए कनेक्टिविटी ढांचे को बढ़ाने की तात्कालिकता पर प्रकाश डाला और अप्रयुक्त क्षेत्रीय क्षमता को अनलॉक करने के लिए अन्य पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने क्षेत्रीय चुनौतियों से निपटने और सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के एकीकरण का अनुरोध किया।

Hot this week

गंगा नदी के हालात का आकलन करने के लिए पर्यावरणविदों का विशेष अभियान

कोलकाता, 25 जनवरी (हि.स.)कोलकाता की एक पर्यावरण संस्था ‘मॉर्निंग...

Ratan Tata ने अपनी वसीयत में पेटडॉग का भी रखा ध्यान, जानिए अब कौन करेगा Tito की देखभाल

 हाल ही में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने...
spot_img

Related Articles

Popular Categories