भाेपाल, 3 अप्रैल (हि.स.)। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2025 पर अंतरिम रोक लगा दी है। यह फैसला ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों द्वारा दायर याचिका के बाद आया है। हाईकोर्ट ने आयोग को 15 अप्रैल तक वर्गवार कटऑफ अंक जारी करने का निर्देश दिया है। हाईकाेर्ट के फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्हाेंने एमपी सरकार पर छात्रों को आरक्षण से वंचित करने का आराेप लगाया है।
कमलनाथ ने गुरुवार काे साेशल मीडिया प्लेटफाॅर्म एक्स पर पाेस्ट कर लिखा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने MPPSC 2025 की मुख्य परीक्षा पर रोक लगा दी है। इस रोक का कारण यह है कि प्रारंभिक परीक्षा में मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने आरक्षण के नियमों का सही से पालन नहीं किया। हाईकोर्ट ने पूछा है कि आरक्षित वर्ग के कितने योग्य अभ्यर्थियों को अनारक्षित वर्ग में चयनित होने का मौक़ा दिया गया है? स्पष्ट है कि भाजपा सरकार ने एक बार फिर नियमों में खेल करके आरक्षण की हत्या करने का प्रयास किया है।अगर पिछले कुछ महीनों के मध्य प्रदेश हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय देखें तो स्पष्ट समझा जाता है कि भाजपा सरकार के आरक्षण विरोधी रवैये पर शीर्ष अदालतों ने सख़्त रुख़ अपनाया है। उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी हर स्तर पर इस अन्याय का विरोध कर रही है और किसी भी क़ीमत पर आरक्षण को समाप्त नहीं होने देगी।




