फतेहाबाद, 18 मई (हि.स.)। पुलिस अधीक्षक सिद्धांत जैन ने फतेहाबाद जिले के नागरिकों को सचेत करते हुए बताया कि इन दिनों ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर साइबर ठगी के कई मामले प्रकाश में आ रहे हैं। साइबर अपराधी स्वयं को सीबीआई, ईडी या पुलिस विभाग का अधिकारी बताकर वीडियो कॉल या फोन कॉल के माध्यम से आमजन को डराने की कोशिश कर रहे हैं। वे झूठे आरोपों का भय दिखाकर लोगों से धन, बैंक विवरण, ओटीपी तथा अन्य व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। पुलिस अधीक्षक ने रविवार को जारी बयान में नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि सीबीआई, ईडी या कोई भी सरकारी जांच एजेंसी ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी प्रक्रिया का प्रयोग नहीं करती। यदि कोई व्यक्ति खुद को सरकारी अधिकारी बताकर इस प्रकार की धमकी देता है या आपसे धन अथवा जानकारी मांगता है, तो यह एक स्पष्ट साइबर ठगी का मामला है। ऐसे किसी भी कॉल या संदेश के झांसे में न आएं और तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दें। एसपी ने नागरिकों से विशेष रूप से अपील करते हुए कहा कि आज के डिजिटल युग में सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। साइबर अपराधी आपके डर और विश्वास का दुरुपयोग कर आपसे ठगी करने का प्रयास करते हैं। कोई भी व्यक्ति, चाहे वह खुद को किसी बड़ी एजेंसी का अधिकारी ही क्यों न बताए, उसकी बातों पर बिना पुष्टि किए भरोसा न करें। यदि किसी भी प्रकार की शंका हो, तो तत्काल पुलिस से संपर्क करें। आपकी सजगता ही इन अपराधियों को विफल कर सकती है। आइए, हम सब मिलकर एक सुरक्षित और साइबर अपराध मुक्त समाज की दिशा में आगे बढ़ें।जनहित में सुझाव : सावधानी ही सुरक्षा है1. अज्ञात कॉल्स से सतर्क रहें। किसी भी अनजान नंबर से आने वाली कॉल, विशेषकर जब वह सरकारी एजेंसी का हवाला दे, तो सतर्कता बरतें और सोच-समझकर प्रतिक्रिया दें।2. व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। आधार संख्या, बैंक खाता विवरण, ओटीपी, पासवर्ड इत्यादि किसी के साथ साझा न करें।3. संदिग्ध कॉल की सूचना दें। किसी भी संदिग्ध कॉल या संदेश की तुरंत सूचना अपने नजदीकी पुलिस थाने या राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें।4. जागरूकता फैलाएं। इस विषय में अपने परिवार, मित्रों और समाज को भी जागरूक करें, ताकि सभी साइबर अपराध से सुरक्षित रह सकें।
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