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मप्रः ‘नक्शा’ वेब-जीआईएस प्लेटफॉर्म पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला आज से भोपाल में शुरू

भोपाल, 05 जून (हि.स.)।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग एवं मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (एमपीएसईडीसी) द्वारा आज से भोपाल के भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर), भौरी में ‘नक्शा’ वेब-जीआईएस प्लेटफॉर्म पर आधारित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।

इस कार्यशाला में देशभर के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, तकनीकी विशेषज्ञ और भू-प्रबंधन से जुड़े पेशेवर हिस्सा ले रहे हैं। इसका उद्देश्य भू-प्रबंधन प्रणाली को अधिक पारदर्शी, तकनीकी-सक्षम और प्रभावी बनाना है।


कार्यशाला का प्रमुख उद्देश्य और विषय

‘नक्शा’ प्लेटफॉर्म की क्षमताओं पर विशेष जोर दिया जाएगा, जो शहरी संपत्ति सर्वेक्षण और भू-स्थानिक डेटा प्रबंधन में उपयोगी है। पहली दिन की शुरुआत टेक्नीकल प्रेजेंटेशन और लाइव डेमो से होगी, जिसमें ड्रोन आधारित इमेज एनालिसिस, फीचर एक्सट्रैक्शन और ग्राउंड लेवल सर्वे की आधुनिक विधियों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।

सांची के फील्ड विजिट के दौरान प्रतिभागियों को मोबाइल ऐप के जरिए रियल-टाइम सर्वेक्षण के व्यावहारिक अनुभव भी दिए जाएंगे, जिसमें भूखंड मूल्यांकन और अभिलेख अपडेट शामिल हैं।


दूसरे दिन के कार्यक्रम

कार्यशाला के दूसरे दिन पूर्व किए गए फील्ड सर्वे के परिणामों का प्रस्तुतीकरण होगा। टीमों द्वारा एकत्रित डेटा के ‘नक्शा’ प्लेटफॉर्म पर एकीकरण, विभाजन-विलयन (स्प्लिट-मर्ज) प्रक्रियाओं तथा अभिलेखों को अपडेट रखने की तकनीक पर चर्चा की जाएगी। साथ ही केरल, कर्नाटक, असम और आंध्र प्रदेश में अपनाई गई श्रेष्ठ शहरी सर्वेक्षण प्रणालियों को भी साझा किया जाएगा।


प्रमुख अधिकारी और पैनल चर्चा

कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में केन्द्रीय भूमि संसाधन विभाग के निदेशक श्याम कुमार, संयुक्त सचिव कुणाल सत्यार्थी, मप्र राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव विवेक पोरवाल समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित हैं। समापन सत्र में एक उच्च स्तरीय पैनल चर्चा होगी, जिसका नेतृत्व संयुक्त सचिव कुणाल सत्यार्थी करेंगे, जिसमें ‘नक्शा’ के देशभर में कार्यान्वयन की रणनीति पर विचार-विमर्श होगा।


भविष्य की उम्मीदें

इस कार्यशाला के सफल आयोजन से भारत में स्वदेशी डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से शहरी भू-अधिकार प्रबंधन में आधुनिकता, पारदर्शिता और कुशलता बढ़ाने में महत्वपूर्ण प्रगति होगी। यह पहल शहरी प्रशासन और भू-प्रबंधन को एक नई दिशा देने वाली है।

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