📍 शिमला, 5 जून (हि.स.) — हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने बुधवार शाम स्पेशल ओलंपिक्स भारत–हिमाचल प्रदेश द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में विशेष ओलंपिक खिलाड़ियों को सम्मानित किया। उन्होंने इन खिलाड़ियों की उपलब्धियों की सराहना करते हुए समाज और सरकार से आह्वान किया कि इन विशेष खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए सभी को सहयोग देना चाहिए।
🎖️ सम्मान समारोह के मुख्य बिंदु:
- कार्यक्रम में बर्लिन (2023) में हुए वर्ल्ड समर गेम्स और ईटली के ट्यूरिन (2025) में होने वाले वर्ल्ड विंटर गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया।
- भारत की टीम में 15 खिलाड़ी हिमाचल प्रदेश से थे और कुल 49 सदस्यों में 30 खिलाड़ी व 19 सहायक स्टाफ शामिल थे।
- भारत ने इन खेलों में 33 पदक जीतकर विशेष उपलब्धि हासिल की।
🗣️ राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल के संबोधन की प्रमुख बातें:
- प्रतियोगिताएं केवल पदक तक सीमित नहीं होतीं, ये खिलाड़ियों की हिम्मत, संकल्प और समर्पण का प्रतीक होती हैं।
- प्रशिक्षकों की भूमिका को विशेष रूप से सराहते हुए कहा कि उनके संयम और मेहनत से ही खिलाड़ी वैश्विक मंच पर पहुंचे।
- एनएचपीसी स्पोर्ट्स सेंटर के योगदान की प्रशंसा की, जिन्होंने विशेष खिलाड़ियों के प्रशिक्षण और विकास में भूमिका निभाई।
🌟 महिला नेतृत्व और संस्थागत प्रयास:
- डॉ. मलिका नड्डा, स्पेशल ओलंपिक्स भारत और एशिया पैसिफिक एडवाइजरी काउंसिल की अध्यक्षा के प्रयासों की भूरी-भूरी प्रशंसा की गई।
- उन्होंने 2002 में बिलासपुर से इस अभियान की शुरुआत की थी, और 2008 में शिमला और नारकंडा में पहले नेशनल विंटर गेम्स सफलतापूर्वक आयोजित किए थे।
- वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में 9 स्पोर्ट्स सेंटर और पूरे भारत में 72 केंद्र कार्यरत हैं।
💰 सरकारी सहयोग और बढ़ी हुई प्रोत्साहन राशि:
- केंद्र सरकार द्वारा पदक विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि ₹5 लाख से बढ़ाकर ₹20 लाख करने पर आभार व्यक्त किया गया।
🧩 महत्वपूर्ण संदेश:
भारत की जनसंख्या का लगभग 5% विशेष रूप से सक्षम है, जिनमें से 1% बौद्धिक रूप से दिव्यांग हैं। ऐसे में समाज और प्रशासन की संयुक्त भूमिका से उनके सपनों को साकार किया जा सकता है।
🎉 यह समारोह न केवल खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा है, बल्कि पूरे समाज को समावेशी सोच और समान अवसर देने का संदेश भी देता है।


 
                                    