📍 चंपावत, 5 जून (हि.स.) — विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर लोहाघाट विकासखंड के सीमावर्ती क्षेत्र स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डुंगराबोरा में “एक पेड़ मां के नाम 2.0” अभियान के अंतर्गत वृहद पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस भावनात्मक और पर्यावरणीय पहल में विद्यार्थियों, शिक्षकों और स्थानीय समुदाय ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और विद्यालय परिसर व आस-पास के क्षेत्रों में विभिन्न प्रजातियों के वृक्ष रोपे।
🌱 “एक पेड़ मां के नाम” — भावनात्मक जुड़ाव से पर्यावरण संरक्षण
इस अभियान की खास बात रही कि हर विद्यार्थी ने अपनी माता के सम्मान में एक पौधा रोपित किया। यह न केवल प्रकृति से जुड़ाव का संदेश था, बल्कि मातृत्व के प्रति सम्मान और पर्यावरणीय जिम्मेदारी का अद्भुत संगम भी।
📚 भाषा समर कैंप का समापन — संस्कृत को मिला नया आयाम
इस अवसर पर विद्यालय में गत दस दिनों से चल रहे भाषा समर कैंप का भी सफलतापूर्वक समापन हुआ।
नोडल अधिकारी विपिन चंद्र जोशी ने बताया कि शिविर का उद्देश्य संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार के साथ विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देना था।
शिविर में विद्यार्थियों ने भाग लिया:
- 🗣️ संस्कृत संभाषण
- 🎵 देशभक्ति गीत
- 🎭 नृत्य, नाटक
- 🎨 चित्रकला
- 🎥 लघु बाल फिल्म निर्माण
- 📺 दृश्य-श्रव्य माध्यमों का प्रयोग
🧘♀️ योग और प्राणायाम से विद्यार्थियों में मानसिक मजबूती
शिविर के दौरान प्रतिदिन शिक्षिका निर्मला मुरारी ने विद्यार्थियों को योग एवं प्राणायाम का अभ्यास कराया। इसका परिणाम यह रहा कि छात्रों में मानसिक एकाग्रता, आत्मविश्वास और शारीरिक सक्रियता में उल्लेखनीय सुधार देखा गया।
👥 समापन समारोह में गणमान्यजनों की उपस्थिति
इस अवसर पर मौजूद रहे:
- एसएमसी अध्यक्ष बसंती देवी
- पीटीए अध्यक्ष संतोक सिंह
- सदस्य गिरीश सिंह
- शिक्षक श्याम राम टम्टा
- शिक्षिका नेहा पाटनी
सहित विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी।
📌 निष्कर्ष
यह आयोजन एक साथ संवेदनशीलता, संस्कार और सतत विकास का प्रतीक बनकर उभरा। “एक पेड़ मां के नाम” जैसे अभियान यदि व्यापक रूप से चलाए जाएं, तो देश में हरियाली और भावनात्मक जुड़ाव का एक सुंदर संगम देखने को मिल सकता है।
🌿 एक पौधा केवल पर्यावरण की नहीं, संस्कारों की भी जड़ें गहराता है।




