📍 भागलपुर, 5 जून (हि.स.) – गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर सुल्तानगंज स्थित अजगैबीनाथ गंगा घाट पर हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। उत्तरवाहिनी गंगा में पुण्य स्नान के लिए अहले सुबह से ही बिहार, झारखंड, बंगाल और उत्तर प्रदेश से श्रद्धालु पहुंचने लगे। गंगा मैया की जयकारों से गूंजते घाट पर भक्ति और श्रद्धा का अनुपम संगम देखने को मिला।
🛕 पूजन और दान का विशेष महत्व
श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद आम, केला, लीची, नारियल, बेलपत्र, मिठाई, चंदन, धूप-दीप और नैवेद्य अर्पित कर मां गंगा की आराधना की। परंपरा अनुसार, पंडितों और ज़रूरतमंदों को अन्न-वस्त्र और द्रव्य दान किया गया। श्रद्धालुओं ने परिवार की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की।
📜 गंगा दशहरा का धार्मिक महत्व
गंगा दशहरा ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन राजा भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुईं, जिससे उनके पूर्वजों का उद्धार हुआ।
स्थानीय पंडित संजीव झा के अनुसार, “इस दिन स्नान से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन के कष्ट भी दूर होते हैं। मां गंगा के अवतरण से धरती उपजाऊ हुई और जीवन की हरियाली बढ़ी।”
🚨 सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम, लेकिन कुछ कमियाँ भी
- एसडीआरएफ की टीम गंगा में तैनात रही और लगातार निगरानी करती रही।
- हालांकि, नगर परिषद की ओर से बांस बैरिकेडिंग या संकेतक बोर्ड नहीं लगाए गए, जिससे कई श्रद्धालु जोखिम उठाकर गहराई में स्नान करते नजर आए।
🕊️ संक्षेप में
गंगा दशहरा के पावन पर्व पर सुल्तानगंज का गंगा घाट श्रद्धा, भक्ति और लोक परंपराओं से सराबोर रहा। श्रद्धालुओं ने मां गंगा की कृपा पाने के लिए डुबकी लगाई और पारंपरिक पूजा एवं दान के जरिए अपनी आस्था का परिचय दिया। यह पर्व धार्मिक आस्था, सामाजिक सद्भाव और प्रकृति से जुड़ाव का जीवंत प्रतीक बना रहा।