📍 जोधपुर, 05 जून (हि.स.) — राजस्थान राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने मनोज रहडू की शिकायत पर मैनहटन फर्नीचर्स (द सोफा मेकर एलएलपी) को दोषी मानते हुए खराब गुणवत्ता वाला सोफा-कम-बेड देने पर भुगतान राशि लौटाने और हर्जाना देने का आदेश दिया है।
🛋️ शिकायत का विवरण
मनोज रहडू ने 17 अक्टूबर 2017 को कंपनी से सोफा-कम-बेड खरीदा था, लेकिन सोफे की गुणवत्ता विज्ञापन के मुताबिक नहीं थी। घटिया सामग्री इस्तेमाल की गई थी और वादे किए गए फीचर्स जैसे हैंडरेस्ट व कुशन नहीं मिले। उपभोक्ता को शारीरिक और मानसिक परेशानी भी हुई।
⚖️ आयोग का फैसला
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने पाया कि कंपनी ने उपभोक्ता को घटिया फर्नीचर दिया जिससे आर्थिक, शारीरिक व मानसिक क्षति हुई। कंपनी को आदेश दिया गया कि वह दो माह में 46,800 रुपए सोफे की कीमत, 1 लाख रुपए मानसिक क्षति का मुआवजा और 5,000 रुपए मुकदमे का खर्च चुकाए। भुगतान में देरी पर वार्षिक ब्याज भी देना होगा।
📑 अपील पर निर्णय
फर्नीचर कंपनी ने राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील की, लेकिन जस्टिस देवेंद्र कच्छवाहा की अध्यक्षता वाली पीठ ने जिला आयोग का फैसला सही ठहराते हुए अपील खारिज कर दी। दोनों पक्षों को अपने खर्चे वहन करने के निर्देश भी दिए गए।
🌟 सार
उपभोक्ता संरक्षण के तहत खराब उत्पाद की आपूर्ति पर निर्माता कंपनी को मुआवजा और हर्जाना चुकाना अनिवार्य है। यह फैसला उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा का महत्वपूर्ण उदाहरण है।