📍 बीकानेर, 5 जून (हि.स.) — जल संरक्षण और पारंपरिक जल स्रोतों के पुनरुद्धार को लेकर बीकानेर जिले के स्वरूपदेसर गांव में गुरुवार से ‘वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान’ की शुरुआत हुई। अभियान का शुभारंभ प्रभारी सचिव एवं शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल की उपस्थिति में हुआ, जहां ग्रामीणों ने उत्साह के साथ भाग लिया।
🌊 अभियान की मुख्य गतिविधियां
🔹 कलश यात्रा व पीपल पूजन
ग्रामीणों ने पारंपरिक विधि से कलश यात्रा निकाली और पीपल का पूजन कर पर्यावरण के प्रति श्रद्धा और जागरूकता जताई।
🔹 पर्यावरण शपथ व योग सत्र
सभी उपस्थित लोगों ने पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली और योगाभ्यास के जरिए स्वस्थ जीवन का संदेश दिया।
🔹 पौधारोपण एवं रैली
पौधारोपण करते हुए ग्रामीणों ने इनकी देखभाल का संकल्प लिया। प्रभात रैली के जरिए आमजन को जागरूक करने का प्रयास किया गया।
🛑 प्रभारी सचिव का संदेश
कृष्ण कुणाल ने अमृत सरोवर का निरीक्षण करते हुए कहा:
“राज्य सरकार का उद्देश्य है कि मरुस्थलीय क्षेत्रों में वर्षा जल का अधिकतम संरक्षण हो। यह अभियान इसी दिशा में एक सशक्त कदम है।”
उन्होंने आमजन से अभियान में सक्रिय भागीदारी की अपील की और कहा कि जल संरक्षण के साथ पर्यावरण रक्षा हमारी साझा ज़िम्मेदारी है।
📢 प्रमुख निर्देश
प्रभारी सचिव ने संबंधित विभागों को 15 दिवसीय अभियान को प्रभावी और परिणामदायी बनाने के निर्देश दिए तथा उच्च स्तरीय समीक्षा की बात कही।
👥 उपस्थित गणमान्य सदस्य
🔸 अतिरिक्त मुख्य अभियंता धीर सिंह गोदारा
🔸 विकास अधिकारी साजिया तबस्सुम
🔸 सरपंच उदाराम मेघवाल
🔸 आईईसी कॉर्डिनेटर गोपाल जोशी (कार्यक्रम संचालन)
🎯 निष्कर्ष:
‘वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान’ केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि जल और पर्यावरण के लिए जनभागीदारी से चलाया गया आंदोलन है। यह पहल राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी जल समाधान और हरित भविष्य की ओर एक अहम कदम है।