Sat, Jun 21, 2025
31.5 C
Gurgaon

ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर दरबार साहिब में खालिस्तान के नारे, सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण धार्मिक कार्यक्रम संपन्न

📍 चंडीगढ़, 6 जून (हि.स.)
ऑपरेशन ब्लू स्टार की 41वीं बरसी के अवसर पर दरबार साहिब (स्वर्ण मंदिर) परिसर में आज धार्मिक कार्यक्रम शांतिपूर्वक संपन्न हुआ, लेकिन इस दौरान खालिस्तान समर्थक नारों और जरनैल सिंह भिंडरांवाले के पोस्टरों की मौजूदगी ने कार्यक्रम की संवेदनशीलता को और बढ़ा दिया।


🔶 क्या हुआ आज?

  • कट्टरपंथी तत्वों ने दरबार साहिब में मौजूद रहकर “खालिस्तान जिंदाबाद” के नारे लगाए।
  • उन्होंने भिंडरांवाले के पोस्टर हाथों में लिए और परिसर में घूमते नजर आए।
  • सुरक्षा बलों की भारी तैनाती और कड़े प्रबंधों के बीच कार्यक्रम शांतिपूर्वक रहा।

🛑 जत्थेदार का संदेश अरदास में समाहित

  • इस बार अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार कुलदीप सिंह गडगज ने परंपरागत रूप से कौम के नाम अलग संदेश देने की बजाय, अरदास में ही 1984 की घटनाओं का उल्लेख कर संदेश दिया।
  • यह पहली बार है कि सार्वजनिक तौर पर कोई संदेश नहीं पढ़ा गया, जो कि सिख परंपरा के लिहाज़ से एक महत्वपूर्ण परिवर्तन है।

🚫 राजनीतिक व धार्मिक तनाव

  • दमदमी टकसाल के प्रमुख बाबा हरनाम सिंह ने पहले ही जत्थेदार के संदेश देने पर आपत्ति जताई थी।
  • एसजीपीसी अध्यक्ष एचएस धामी की इस विषय पर बातचीत भी बेनतीजा रही।
  • सरबत खालसा के कार्यकारी जत्थेदार ध्यान सिंह मंड को अकाल तख्त पर प्रवेश से रोक दिया गया, जिस पर उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई।

👥 प्रमुख हस्तियां व उपस्थिति

  • सिमरनजीत सिंह मान (पूर्व सांसद) की उपस्थिति के दौरान समर्थकों ने खालिस्तान की मांग को लेकर नारे लगाए।
  • फरीदकोट के सांसद सरबजीत सिंह खालसा और खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल के पारिवारिक सदस्य भी मौजूद रहे।

🔐 सुरक्षा व्यवस्था और जनजीवन

  • अमृतसर शहर में अधिकतर बाजार बंद रहे, शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टियां घोषित की गईं।
  • गुरु नानक देव विश्वविद्यालय में परीक्षाएं स्थगित की गईं।
  • दरबार साहिब परिसर में टास्क फोर्स तैनात रही और परिसर के बाहर 1,000 से अधिक पुलिसकर्मी सुरक्षा में जुटे रहे।
  • कुछ संगठनों ने दरबार साहिब के बाहर भिंडरांवाले के पोस्टरों के स्टॉल भी लगाए।

🔍 पृष्ठभूमि

  • ऑपरेशन ब्लू स्टार (1-6 जून, 1984) भारतीय सेना द्वारा दरबार साहिब परिसर में सशस्त्र आतंकियों के खिलाफ की गई कार्रवाई थी, जिसमें जरनैल सिंह भिंडरांवाले की मौत हुई थी।
  • यह घटना सिख समुदाय और केंद्र सरकार के रिश्तों में एक बड़ी दरार बनकर उभरी थी, और आज भी उसकी राजनीतिक व सामाजिक गूंज देखी जाती है।

📌 निष्कर्ष:
दरबार साहिब में धार्मिक श्रद्धा और राजनीतिक नारों का मिश्रण, एक बार फिर यह संकेत देता है कि ऑपरेशन ब्लू स्टार की स्मृति अब भी संवेदनशील और राजनीतिक रूप से जीवित है। हालांकि, प्रशासन और सुरक्षा बलों की सतर्कता से कोई बड़ा विवाद नहीं हुआ, जो कि एक सकारात्मक संकेत है।

Hot this week

Ratan Tata ने अपनी वसीयत में पेटडॉग का भी रखा ध्यान, जानिए अब कौन करेगा Tito की देखभाल

 हाल ही में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने...

गंगा नदी के हालात का आकलन करने के लिए पर्यावरणविदों का विशेष अभियान

कोलकाता, 25 जनवरी (हि.स.)कोलकाता की एक पर्यावरण संस्था ‘मॉर्निंग...
spot_img

Related Articles

Popular Categories