📍 कोलकाता, 6 जून (हि.स.)
न्यू जलपाईगुड़ी से हावड़ा आ रही वंदे भारत एक्सप्रेस में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक बुजुर्ग यात्री की तबीयत अचानक बिगड़ गई। लेकिन इसी बीच आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज की युवा सर्जन डॉ. ऐश्वर्या राय ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए उस यात्री की जान बचा ली। इस साहसिक और संवेदनशील कदम के लिए रेलवे, आरपीएफ, और सहयात्रियों ने उनकी सराहना की।
👩⚕️ घटना का विवरण
- घटना मंगलवार शाम 4:30–5:00 बजे के बीच की है।
- कोच C9 में यात्रा कर रहे 70 वर्षीय अमल कुमार (श्यामनगर, उत्तर 24 परगना) की अचानक हालत बिगड़ी।
- वे शौचालय के पास गिर पड़े, ब्लड प्रेशर 90/70, पल्स 118, उल्टी और शरीर में कंपन जैसी गंभीर स्थिति थी।
- डॉ. ऐश्वर्या राय, जो अपने माता-पिता के साथ कोच C8 में थीं और हाल ही में लाटागुड़ी में चिकित्सा सम्मेलन से लौट रही थीं, तुरंत मदद के लिए पहुंचीं।
🩺 तत्परता और उपचार
- ऐश्वर्या ने तत्काल प्राथमिक उपचार, दवाइयां, और निरंतर निगरानी की।
- हावड़ा स्टेशन पहुंचने से पहले ही अमल बाबू की हालत स्थिर हो गई और वे मुस्कुराते हुए अपनी सीट पर लौटे।
- डॉक्टर ने उन्हें सिर्फ ईसीजी जांच कराने की सलाह दी।
💬 भावुक बयान
डॉ. ऐश्वर्या ने कहा,
“इस दिन को मैं कभी नहीं भूलूंगी। किसी की जान बचा पाना मेरे लिए एक भावनात्मक क्षण था।
अगर अभया दीदी होतीं, तो वह भी यही करतीं।
हमने संकल्प लिया है कि उनकी सेवा भावना को जीते रहेंगे।”
🙏 समाज की सच्ची पूंजी
- रेलवे, आरपीएफ, और सहयात्रियों ने डॉ. ऐश्वर्या को सलाम किया।
- अमल बाबू के परिवार ने कहा,
“ऐश्वर्या जैसी चिकित्सक समाज की सच्ची पूंजी हैं।”
- रेलवे प्रवक्ता ने कहा कि,
“यह मानवता की मिसाल है, जो हमेशा याद रखी जाएगी।“
🔷 नोट: डॉक्टर ऐश्वर्या राय का यह कार्य न केवल चिकित्सकीय जिम्मेदारी का प्रतीक है, बल्कि यह आत्मीय सेवा भावना और सामाजिक चेतना का आदर्श उदाहरण भी है।