नेपाल में मानसून की शुरुआत के साथ ही डेंगू का प्रकोप गंभीर होता जा रहा है। देश के 76 जिलों में से 71 जिले डेंगू की चपेट में हैं और 1081 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। यह जानकारी नेपाल स्वास्थ्य मंत्रालय की रोग नियंत्रण महाशाखा ने दी है।
डेंगू संक्रमण की स्थिति:
इपिडेमियोलॉजी महाशाखा के निदेशक डॉ. चंद्रपाल झा के मुताबिक, विभिन्न प्रदेशों में भर्ती मरीजों की संख्या इस प्रकार है:
- कोसी प्रदेश: 239
- बागमती: 297
- गंडकी: 182
- लुंबिनी: 163
- सुदूर पश्चिम: 156
- कर्णाली: 30
- मधेश: 14
डॉ. झा ने कहा, “पिछले 10 वर्षों के आंकड़ों के अनुसार, जून से सितंबर तक डेंगू का असर सबसे अधिक होता है। आने वाले चार महीने और खतरनाक हो सकते हैं।”
डेंगू का इतिहास नेपाल में:
- 2004: चितवन घूमने आए एक विदेशी नागरिक में पहली बार डेंगू की पुष्टि हुई।
- 2006: नेपाल के मैदानी जिलों में डेंगू फैलने लगा।
- 2016: चितवन, झापा और रूपंदेही में 12 लोगों की मौत।
- 2022: सभी 77 जिलों में डेंगू का असर, 54000+ संक्रमित, 88 मौतें।
- 2023: 52,000 से अधिक मामले, 20 मौतें सिर्फ कोसी प्रदेश में, जिसमें 31% मामले सुनसरी जिले से थे।
- 2024: अब तक 35,000 संक्रमित, 13 मौतें।
सरकार की चिंता बढ़ी
तेजी से बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य मंत्रालय की चिंता बढ़ा दी है। विभाग ने सभी जिलों को अलर्ट किया है और जनजागरूकता, स्वच्छता अभियान, और संक्रमण नियंत्रण को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है।
निष्कर्ष:
नेपाल में डेंगू संक्रमण लगातार गंभीर रूप लेता जा रहा है। मानसून के दौरान स्थिति और बिगड़ सकती है। स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता और नागरिकों की जागरूकता ही इस संकट से राहत दिला सकती है।